ग्रामोदय व डीआरआई के मध्य हुआ एमओयू
1 min readचित्रकूट- महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय और दीन दयाल शोध संस्थान ने एकेडमिक, ट्रेनिंग, रिसर्च, एक्सटेंशन गतिविधियों के संचालन हेतु उनके पास उपलब्ध रिसोर्स एक्सचेंज के लिए एमओयू साइन किया है।इस अनुबंध के बाद महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय और दीनदयाल शोध संस्थान के स्मार्ट क्लास रूम, लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर आदि रिसोर्स को ग्रामोदय विश्वविद्यालय व दीनदयाल शोध संस्थान के विद्यार्थी, शोधार्थी, शिक्षक, विषय विशेषज्ञ उपयोग कर सकेंगे। शोध परियोजनाओं के निर्माण व संचालन में भी दोनों संस्थान एक दूसरे का तकनीकी सहयोग करेंगे।
बुधवार की शाम भारतरत्न राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के प्रवास स्मृति परिसर सियाराम कुटीर ने उनकी ऊर्जावान प्रतिमा के समक्ष कुलपति प्रो भरत मिश्रा व संगठन मंत्री अभय महाजन ने एमओयू में साइन किया और परंपरानुसार दोनो संस्थाओं के प्रशासनिक मुखियों ने हस्ताक्षर युक्त अनुबंध की प्रति एक दूसरे को सहर्ष सौपी।ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार, अधिष्ठाता कृषि प्रो डीपी राय व डीआरआई के उपमहाप्रबंधक अनिल जायसवाल व शोध वैज्ञानिक डॉ मनोज त्रिपाठी इस पुनीत अवसर के साक्षी बने। इस अवसर पर ग्रामोदय विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय अध्यक्ष व प्राध्यापक प्रो रघुबंश प्रसाद बाजपेयी, इतिहास के प्राध्यापक डॉ अभय वर्मा, जनसंपर्क अधिकारी जय प्रकाश शुक्ल आदि मौजूद रहे।
ग्रामोदय विश्वविद्यालय और दीनदयाल शोध संस्थान के परिकल्पक व संस्थापक भारतरत्न राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की प्रवास स्मृति स्थल सियाराम कुटीर में प्रतिमा के सम्मुख जब डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन ( भैया जी) और ग्रामोदय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने एमओयू साइन कर अनुबंध प्रपत्र का आदान प्रदान कर रहे हैं, उस समय का दृश्य इस दृष्टि से बहुत ही आकर्षक और प्रेरणा देने वाला लग रहा था, जैसे नाना जी की उपस्थिति में यह सब हो रहा है।यह सर्वथा सत्य है कि दोनों संस्थान नाना जी के ग्रामीण विकास और सामाजिक पुनर्रचना के छेत्र में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रहे हैं।
ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अजय कुमार और डीआरआई के उपमहाप्रबंधक अनिल जायसवाल ने बताया कि दोनों संस्थाओं के मध्य औपचारिक अनुबंध के बाद शिक्षा, प्रशिक्षण, अनुसंधान व विस्तार आदि गतिविधियों के लिए ग्रामोदय और डीआरआई के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, प्राध्यापकों आदि को दोनों संस्थाओं में उपलब्ध तकनीकी, ज्ञान, विज्ञान और अनुभव को एक्सचेंज करने का सुअवसर मिल सकेगा।
अधिकारी द्वय ने बताया कि नाना जी की जयंती और पुण्यतिथि पर दोनों संस्थान मिल कर आयोजन करते आ रहे हैं , अब ग्रामीण , कौशल शिक्षा, उद्यमियता, औषधीय पौधे के छेत्र में भी संयुक्त रूप से काम के नए अवसर प्राप्त होंगे।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म ०प्र ०