सतना अचानक जिला अस्पताल पहुंचे कलेक्टर,नदारद मिले डॉक्टर
1 min readसतना- जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला चिकित्सालय सतना में डॉक्टर और स्टाफ की मनमानी और बदइंतजामी का आलम कलेक्टर की आंखों से भी छिपा नहीं रह सका। कलेक्टर औचक निरीक्षण करने पहुंचे, तो यहां व्यवस्था के दावों की पोल उनके सामने ही खुल कर आ गई। कलेक्टर ने इस स्थिति पर सख्त नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई और लापरवाहों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। दरअसल शुक्रवार की सुबह कलेक्टर अनुराग वर्मा अचानक जिला अस्पताल जा पहुंचे। उनके साथ सीईओ जिला पंचायत डॉ. परीक्षित झाड़े भी थे। कलेक्टर ने अपने भ्रमण को इस कदर गोपनीय रखा कि वे अपना शासकीय वाहन भी साथ नहीं ले गए। सीईओ जिला पंचायत उनका वाहन ड्राइव कर साथ गए। दोनों अफसरों ने गार्ड को भी बाहर छोड़ दिया और बिना किसी से कुछ कहे सीधे ओपीडी में दाखिल हो गए। यहां मरीज तो मौजूद थे, लेकिन सुबह 9 बजे ड्यूटी टाइम पर 2 डॉक्टर के अलावा कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। कलेक्टर ने डॉक्टर के केबिन के अंदर झांक कर देखा। लगभग 20 मिनट तक ओपीडी में कलेक्टर की मौजूदगी की खबर लगी तो सीएमएचओ, सिविल सर्जन, आरएमओ और अन्य स्टाफ भी आनन – फानन में वहां पहुंच गया। कलेक्टर ने डॉ . विजेता राजपूत और डॉ . देवेंद्र सिंह से सवाल कर उनके आने का समय पूछा और फटकार लगाते हुए यह चेतावनी भी दी कि पहली बार है इसलिए कुछ बोल नहीं रहा हूं। कलेक्टर ओपीडी में ही बने दवा वितरण काउंटर पहुंचे तो वहां दवा लेने के लिए मरीज तो मौजूद थे, लेकिन दवा देने वाला कोई नहीं था। उस स्थिति पर उन्होंने सिविल सर्जन से नाराजगी जाहिर की। कलेक्टर ने डॉक्टर का ड्यूटी चार्ट तलब किया और आरएमओ को फटकार लगाई। सिविल सर्जन को व्यवस्था सुधारने की हिदायत देने के साथ ही लापरवाह डॉक्टर और स्टाफ को नोटिस देने के निर्देश भी दिए। उन्होंने ब्लड बैंक का निरीक्षण किया और वार्डों में जाकर वहां भर्ती मरीजों से उनके हाल के साथ अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर अस्पताल की सफाई व्यवस्था पर भी नाखुश नजर आए।
आहेस लारिया ब्यूरोचीफ भारत विमर्श सतना म०प्र०