गर्मी आते ही शुरू हो गई जल संकट की आहट
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पन्ना- नगर सहित समूचे जिले में इस वर्ष बारिश कम होने की वजह से प्राचीन तालाब,कुआ एवं बावड़ी गर्मी आने से पहले खाली हो गए हैं। जो प्रशासन के लिए चिंता का विषय बने हुए है। क्योंकि पन्ना नगर में भीषण जल संकट की आहट अब दिखाई देने लगी है। बतादें कि पन्ना शहर में बीते एक दशक से पानी की समस्या गर्मियों में दिनोंदिन खड़ी होने लगी है।नगर में प्राचीन समय मे राजा महाराजाओं के द्वारा नगर में पानी की जलापूर्ति के लिए बड़े-बड़े तालाब एवं कुंआ बनवाये गए थे। जिनमें धरम सागर तालाब,लोकपाल सागर तालाब,एवं नृपत सागर तालाब प्रमुख है।इनके अलावा बेनीसागर तालाब, सिंह सागर तालाब, मठया तला, कमलाबाई का तालाब,जैसे अन्य छोटे छोटे तालाब भी नगर में पानी की जलापूर्ति करते थे। इतना ही नही करीब 25 से ज्यादा नगर में ऐसे कुँए है जो धरम सागर तालाब से एक नहर के माध्यम से अंदर ग्राउंड कनेक्ट है। जिनका जलस्तर कभी नही घटता था।लेकिन बीते एक दशक से राजनैतिक एवं प्रशासनिक उदासीनता के चलते यह तालाब एवं कुँए अतिक्रमण की चपेट में आ गए औऱ इनके कैचमेंट एरिया बंद हो गए। तालाबो का संरक्षण एवं देखरेख नही की गई। जिसकी वजह से आलम दिन प्रतिदिन बिगड़ते गए और अब इन तालाबो में बारिश का पानी नही भर पा रहा है।जिसकी बजह से गर्मियों में जलसंकट सामने आने लगा है। हालांकि इस वर्ष हालात और ज्यादा बिगड़ने वाले है।क्योंकि नगर के सबसे बड़े लोकपाल सागर तालाब की जमीन 60 प्रतिशत दिखने लगी है औऱ पानी नाममात्र के लिए बचा है।
इतना ही नही इसी प्रकार शहर के बीचोबीच और शहर के सबसे ज्यादा मोहल्लों में पानी पहुँचाने वाला धरमसागर तालाब भी खाली हो गया है।इस तालाब में भी अनुमानित एक माह के लिए पानी बचा है। नृपत सागर तालाब के हालात कुछ इसी प्रकार है। अब ऐसे में सवाल इसलिए खड़े हो रहे है। कि पन्ना शहर की 70 से 80 हजार जनता की प्यास बुझाने वाले तालाब जब खुद प्यासे है तो नगर के लोगो की प्यास पैसे बुझेगी। वहीं जब पानी के संकट की आहत को लेकर जिला प्रशासन के मुखिया पन्ना कलेक्टर से बात की गई तो उन्होंने कोई संतोषजनक जबाब न देकर सिर्फ पानी को बचाने की बात करते हुए कहा कि नगर के सर्वसिंग सेंटरों में रोक लगाइ गई है और शहर में सभी कुओं में मोटर डालकर पानी जलापूर्ति की जाएगी।
संदीप विश्वकर्मा ब्यूरोचीफ भारत विमर्श पन्ना म०प्र०