पैस्वनी नदी में अतिक्रमणकारियों पर क्या होगी कार्यवाही?
1 min readचित्रकूट- कुछ दिनों पूर्व जिला कलेक्टर अनुरॉग बर्मा द्वारा चित्रकूट में पैश्वनी नदीं व अन्य क्षेत्रों का आमावश्या मेला के दौरान निरीक्षण किया गया जिला कलेक्टर के निरीक्षण के निरीक्षण के दौरान पैश्वनी नदी मेें किय गये कई अतिक्रमण कारियों को चिन्हित कर जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये गये हैं। आम जनता ने जिला कलेक्टर के इस फैसले की प्रशंसा भी की है। लेकिन चित्रकूट क्षेत्र के गलियारे से जुड़ें सूत्रों से यह जानकारी सामने आई है जिसमें कई ऐसे बड़ें अतिक्रमण कारी हैं जिनके नाम शासन की नजरों से छूट गये हैं। सूत्र बताते हैं कि उनमें गणेश केसरवानी, सुरेश केसरवानी, महंत निर्मोही अखाड़ा,कमलेश गुप्ता, अशोक जयसवाल, दिनेश शर्मा,संतोष शुक्ला, गुड्डू अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, संदीप अग्रवाल,नंदकिशोर अग्रवाल, बबलू केसरवानी, अशोक केसरवानी, हरी चंद केसरवानी, कमलेश मिश्रा, भोला सिंह,वालेस मिश्रा, अश्वनी यादव, रामबाबू ड्राइवर और चित्रकूट में स्थित नामचीन हास्पिटल जानकीकुण्ड का नाम सामने आया है। सूत्र बताते हैं कि जानकीकुंड प्रबंधन के डायरेक्टर डॉ.बीके जैन द्वारा पैश्वनी नदी व अन्य क्षेत्र की जमीन में कब्जा कर सींसे की बिल्डिंग भी बनाया गया है। सूत्रों का कहना है कि कई नामचीन अतिक्रमण कारियों के नाम पर होटल, लॉज एवं धर्मशाला बने हुए है लेकिन उन अतिक्रमण कारियों के नाम शासन की लिस्ट में शामिल नहीं हैं। इतना ही नहीं जानकारों का यह भी कहना है किे चित्रकूट क्षेत्र में पदस्थ पटवारी सहित चित्रकूट के अन्य अमले द्वारा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह किया गया है। अब देखना यह की इन अतिक्रमणकारियों पर शासन प्रशासन भारी होता है या शासन प्रशासन पर अतिक्रमणकारी?
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०