मातृत्व दिवस में माँ की पीड़ा
1 min readमई महीने में दूसरे हफ्ते के रविवार को मदर्स डे को तौर पर मनाया जाता है। मां के लिए कोई एक दिन नहीं होता है, वो अलग बात है कि एक खास दिन को मां के नाम निश्चित कर दिया गया है। इस वर्ष ये खास दिन 10 मई यानी आज मनाया जा रहा है। अपनी हर तकलीफें एक तरफ कर बच्चों की हर खुशी का ध्यान रखने वाली मां के साथ इस खास दिन को बिताना चाहिए लेकिन आज एक माँ नीलम द्विवेदी ने अपना दुख जाहिर किया की मैं नर्सिंग मेडिकल कॉलेज में मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत हूँ। मेरी दो बेटियां हैं जो एक 6 वर्ष एवं दूसरी 8 वर्ष की है, उनको लगभग 2 माह से अपने से दूर बाबा दादी के पास छोड़ दिया है, और मैं मरीजों की देखभाल में लगी हुई हूँ। कोरोना जैसी महामारी के समय मेरी मरीजों के प्रति निष्ठा पूर्वक भाव रखते हुए अपने कर्तव्य का पालन कर रही हूँ ,और यह भी बताया की हम अपने बच्चों की देखभाल भी नहीं कर पा रहें हैं। मानवता की सेवा में मेरे पति भी श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट जानकीकुंड चिकित्सालय में स्वास्थ्य कर्मी के रूप में घर से बाहर रहकर सेवा कार्य कर रहे हैं, मैं और मेरे पति अपने बच्चों से दूर हैं।
जावेद मोहम्मद विशेष सवांददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०