प्रकृति वंदन प्लास्टिक बंधन कार्यक्रम का चित्रकूट में गरिमामयी आयोजन
1 min readप्रकृति का आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व – राकेश जैन राष्ट्रीय सह संयोजक,पर्यावरण संरक्षण गतिविधि
सभी ने प्लास्टिक बंधन का संकल्प लिया
चित्रकूट। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रकृति वन्दन प्लास्टिक बंधन विषयक कार्यक्रम का आयोजन चित्रकूट जनपद के सुंदर सिंह इंटर कॉलेज लालता रोड , मऊ में आयोजित किया गया ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राकेश जैन राष्ट्रीय सह संयोजक पर्यावरण संरक्षण गतिविधि ने अपने उद्बोधन में कहा कि पर्यावरण का संरक्षण वर्तमान समय में अति आवश्यक है। प्लास्टिक मुक्त , प्रदूषण मुक्त का संकल्प लेकर कार्य करना आवश्यक है। प्रकृति का शोषण समाज ने किया है तो प्रकृति संरक्षण व संशोधन का दायित्व भी समाज के ऊपर ही है। गांव, कस्बा, शहर, महानगर में रहने वाली आबादी, समाज एवं राष्ट्रीय स्तर पर जन भागीदारी सुनिश्चित करके पर्यावरण को स्वच्छ रखने एवं प्लास्टिक उपयोग को सर्बथा बंद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। भारत की आध्यात्मिक एवं सामाजिक संस्कृति में प्रकृति का वंदन युगो युगो से रहा है। बरगद, पीपल, आवंला, आम आदि वृक्षों की पूजा , धार्मिक अनुष्ठानों एवं औषधीय गुणों में इन वृक्षों का विशेष आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व है । प्रकृति, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अपने महत्व को सार्थक करती है। सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए विकल्प के रुप मे कहा कि हमें जिन्न की तरह सिंगल यूज़ पन्नी को इकट्ठा कर बोतलों में बंद कर देना चाहिए। खेत, खलिहान, चारागाह, खुले मैदान में कतई नहीं फेकना चाहिए क्योंकि पन्नी और प्लास्टिक प्रकृति के लिए अभिशाप है। हमें इस पर निर्भरता कम करने के लिये अपने घर -परिवार की दैनिक सामग्री लेने के कपङे का थैला लेकर बाजार जाना चाहिए इस दौरान मुख्य वक्ता राकेश जी जैन ने सभी को प्लास्टिक बंधन के लिए सामूहिक संकल्प दिलाया ।आयोजन में उपस्थित सभी को कपड़ें का थैला भी वितरित किया गया।
युवा संत आचार्य रामचंद्र दास महाराज उत्तराधिकारी पद्म विभूषण जगत गुरु रामभद्राचार्य ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति वंदन का दायित्व समाज के प्रत्येक वर्ग पर है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप भी प्रकृति का संरक्षण ना करने का परिणाम है। भगवान श्री कृष्ण ने भी गोवर्धन पर्वत पूजन के माध्यम से प्रकृति संरक्षण संवर्धन का संदेश द्वापर युग में ही दे दिया था।
डॉ उमेश कुमार शुक्ला राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थान सहप्रमुख एवं प्रांत संयोजक पर्यावरण संरक्षण गतिविधि ने कहा कि प्रकृति का पूजन भारत देश की संस्कृति है। प्रकृति का रक्षण और पोषण करना हमारी नैतिक जिम्मेवारी बने।
पूर्व सांसद बांदा- चित्रकूट भैरव प्रसाद मिश्रा विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम में छेत्र के प्रमुख लोग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आयोजन पर्यावरण संरक्षण गतिविधि चित्रकूट द्वारा किया गया था । कार्यक्रम का संयोजन जिला संयोजक विकास एवं सह संयोजक दिलीप ने संयुक्त रूप से किया।
सुभाष पटेल(ब्यूरो चीफ), भारत विमर्श बांदा