विराट 151 कुंडीय महायज्ञ का तीसरे दिन हजारों लोगों ने आहुतियां डाली
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चित्रकूट- तीर्थ चित्रकूट में चार दिवसीय विराट 151 कुंडीय यज्ञ के तीसरे दिन हजारों लोगों ने आहुतियां दिया ।शांतिकुन्ज से आए हुए संतों ने विधिवत यज्ञ व बिबिध संस्कार संपन्न कराया। शांतिकुंज टोली के टोली नायक उत्तर जोन के समन्वयक आदरणीय परमानंद द्विवेदी ने कहा वास्तव में मानव जीवन बड़े ऊंचे उद्देश्य के लिए मिला है। दैवीय गुणों से ओतपप्रोत मानव जीवन है। चित्रकूट बहुत ही पून्णमयी धरती है ,यहां पर परम बंदनीया माताजी का 1994 अश्वमेध यज्ञ में उद्बोधन हुआ था। परम बंदनीया माताजी प्यार, वात्सल की प्रतिमूर्ति थी ।यह धरती इतनी पवित्र है जहां भगवान राम, लक्ष्मण, माता सीता सहित 11:30 वर्ष रहे ।प्रभु राम ने यहां के लोगों को गले लगाया यहां के लोगों का प्यार इतना उमड़ता था कि उन्होंने भगवान राम से कहा कि हमारी सेवा इतनी है कि भूषण बसन न लेहि चुराई। पूज्य गुरुदेव का प्यार इतना गहरा कि उन्होंने सबको कहा कि आप हमारे अंग अवयव हैं ।।उन्होंने कहा मनुष्य में देवत्व का जागरण मुख्य उद्देश्य है, धन वैभव वाले यहां टिक नहीं पाए ।भारत की सनातन संस्कृति बहुत ही अद्भुत है। भारत के लोग जहां भी गए और जहां बसे वहां की उन्नति ही किया। 2014 के पहले भारत की कोई सुनता नहीं था आज भारत किसी की नहीं सुनता ।सनातन किसी के दबाने से नहीं दबेगा। सनातन संस्कृति बढ़ेगी, भारतीय लोग सनातनी हैं ।शांतिकुंज मानव गढने की प्रयोगशाला है। जहां संगीत कर्मकांड या जिसमें जिसकी रुचि है सिखाया जाता है। टोली में आए परमेश्वर साहू ने सत्संग के महत्व को समझाते हुए कहा अनवरत सत्संग में रहना चाहिए। सत्संग करना ऐच्छिक है। आज हर एक व्यक्ति दुखी है इसका कारण खोजने चाहिए। दुख का कारण आए तो उसका निवारण भी है। अज्ञान, अभाव, आसक्ती ही दुखो का कारण है। इससे बचने के लिए त्रिपदा गायत्री को अपनाना होगा। गायत्री जन-जन में स्थापित होना चाहिए ।
आज के कार्यक्रम में पुन्सवन संस्कार, मुंडन संस्कार, नामकरण संस्कार ,विद्यारंभ संस्कार ,दीक्षासंस्कार संपन्न हुए और शांतिकुंज टोली द्वारा विधिवत संपन्न कराए गए। कार्यक्रम के प्रारंभ में शांतिकुंज टोली का स्वागत बंदन राजेंद्र श्रीवास्तव, एल पी तिवारी अशोक दीक्षित, संतोष गुप्ता, घनश्याम सिंह ,प्रेमलाल कुशवाहा ने किया देव पूजन में अखिल भारतीय अधिकारी अजीत महापात्रा ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन में गायत्री परिवार की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है। गायत्री परिवार के ऐसे आयोजनों से समरसता ,स्नेह और सौहार्द का वातावरण निर्मित होता है। इसी से भारत विश्व गुरु बनेगा। क्षेत्र प्रचारक अनिल जी ने कहा कि हम सभी भारतवासियों को एक होकर भारत माता का गौरव बढ़ाने का कार्य करना चाहिए इसके लिए पंच परिवर्तन जरूरी है पंच परिवर्तन का मतलब कुटुंब प्रबोधन ,समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी नागरिक कर्तव्य।बंदनीय माता जी की जन्म शताब्दी है तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी जन्म शताब्दी है। दोनों ही ऐतिहासिक संगठन है। जिन्होंने भारत की तस्वीर बदलने का प्रयत्न किया ।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वरिष्ठ प्रचारक जायसवाल,रवि चाणक्य राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र मोदी विचार मंच, रणवीर सिंह क्षेत्र प्रचारक, गोविंद त्रिपाठी, केंद्रीय जेल अधीक्षक सतना, नीलम कोस्ठा उपाध्यीक्षक श्रीकांत त्रिपाठी, पूर्व आईजी जुगल किशोर तिवारी, मोहन मुरली वाला रतलाम,रेखा जगदीश रावल राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरत, हितेश गिरी गोस्वामी सूरत, राम गोपाल अग्रवाल सूरत आदि महत्वपूर्ण लोगों ने किया कलश का पूजन अनूप तिवारी ,दीपक का पूजन अतुल प्रताप जी ,, पूज्य संत रामेश्वरानंद जी ,अविनाश जी, पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय डॉक्टर सुरेंद्र अग्रवाल प्रतिष्ठित चिकित्सक मानसिंह वर्मा जोन समन्वयक वाराणसी,राम केवल यादव व्यवस्थापक अयोध्या गायत्री शक्तिपीठ ,प्रबल श्रीवास्तव जी आदि की उपस्थिति सराहनीय रही ।विराट 151 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के मुख्य आयोजक एवं गायत्री शक्तिपीठ के संचालक डॉ रामनारायण त्रिपाठी ने सबका स्वागत संबोधन करते हुए कहा कि चित्रकूट अश्वमेध महायज्ञ के सहभागी दिव्य आत्माओं के श्रद्धा संवर्धन हेतु यह विराट आयोजन निर्धारित हुआ है उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का भी अनुरोध किया।


जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश
