Chitrakoot MGCGV में कर्मचारियों की समस्याएं बनीं आंदोलन की जड़
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पूरे प्रदेश में उग्र प्रदर्शन की चेतावनी, कर्मचारी बोले- अब और बर्दाश्त नहीं
चित्रकूट – चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की अनदेखी अब आंदोलन की शक्ल अख्तियार कर चुकी है। विश्वविद्यालय प्रशासन की बेरुखी और समस्याओं की लगातार अनदेखी से नाराज कर्मचारियों का सब्र का बांध टूटता जा रहा है। इसी के विरोध में पिछले 61 दिनों से विश्वविद्यालय परिसर में क्रमिक भूख हड़ताल जारी है, जो अब प्रदेशव्यापी आंदोलन की ओर बढ़ता नजर आ रहा है।
मध्य प्रदेश गैर शिक्षक विश्वविद्यालय महासंघ ने कुलपति को भेजे पत्र में साफ कहा है कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को न तो नियमित वेतन मिल रहा है, न ही पीएफ और पेंशन जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। इससे कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।
सोमवार को कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में दो मिनट का मौन रखकर प्रशासन की ‘दिवंगत आत्मा’ के लिए प्रतीकात्मक प्रार्थना की। इस मौन के माध्यम से उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदनहीनता और शोषणकारी नीतियों पर सवाल उठाए। कर्मचारियों ने कहा कि यह सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि न्याय की मांग है।
संयुक्त कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गुरु प्रकाश शुक्ला, संजय शुक्ला और शिव कुमार को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निलंबित कर दिया गया है। कर्मचारियों का कहना है कि यह निर्णय दमनकारी है और इससे आंदोलन की आग और तेज होगी। अब कर्मचारी विचार कर रहे हैं कि अपने घर की महिलाओं को भी क्रमिक अनशन में शामिल किया जाए, ताकि संघर्ष की आंच और व्यापक हो सके।
गैर शिक्षक महासंघ ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी आंदोलन शुरू किया जाएगा और सरकार के सामने यह मसला प्रमुखता से उठाया जाएगा। महासंघ ने स्पष्ट किया है कि अब कर्मचारियों का शोषण और नहीं झेला जाएगा।
अब तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन या संवाद की पहल नहीं हुई है। इससे कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सवाल यह है कि क्या शासन और प्रशासन समय रहते ठोस कदम उठाएंगे, या यह आंदोलन प्रदेशभर में उग्र रूप ले लेगा?
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश