MGCGV के कुलगुरु द्वारा कर्मचारियों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है
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चित्रकूट – महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रशासन ने पीएफ संधारण के लिए पासबुक 15 कार्य दिवस निर्गत किये जाने का उल्लेख किया है कि पेंशन प्रकरण में विश्वविद्यालय द्वारा कृत कार्यवाही में पारदर्शिता रखने हेतु चर्चा उपरान्त कार्यवृत्त प्र. कुलसचिव द्वारा जारी किया गया। विश्वविद्यालय के कर्मचारी शान्तिपूर्ण तरीके से क्रमिक भूख हड़ताल कर रहा है किन्तु विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलसचिव द्वारा चल रहे क्रमिक अनशन को अपने धमकी भरे सूचनादेशों से षड्यन्त्रपूर्वक बार-बार तोड़ने का कुप्रयास किया जा रहा है।
पत्रांक कु.स./25/R5/1938 दिनांक 28.02.2025 के द्वारा प्रभारी कुलसचिव ने कर्मचारियों को धमकाते हुए लेख किया कि कतिपय कर्मचारी समूह द्वारा अनावश्यक नारेबाजी कोलाहल, व्यर्थ भाषण अन्य कार्यरोधी गतिविधियां एवं परिसर में अशांन्ति तथा कार्यों में गतिरोध किया जा रहा है तथा इसके लिए उनके द्वारा वैधानिक कार्यवाही की भी धमकी दी गयी जबकि विश्वविद्यालय का कर्मचारी दिनांक 21फरवरी2025 को मुलाकात में आपके आग्रह को मानकर दिनांक 21फरवरी2025 शान्तिपूर्ण तरीके से क्रमिक भूख हड़ताल कर रहा है। सतना जिला प्रशासन भी इस बात से आश्वस्त था कि हमने दिनांक 27 फरवरी2025 को अति विशिष्ट अतिथियों (देश के गृह मन्त्री, मुख्यमन्त्री) के चित्रकूट आगमन/प्रवास पर भी शान्तिपूर्ण तरीके से अपना अनशन जारी रखा।
पत्रांक कु.स./25/R5/1946 दिनांक 03.03.2025 द्वारा विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलसचिव ने फिर कर्मचारियों को धमकाया कि “पूर्व प्रशासनिक अनुमति के बिना कर्मचारी अनशन पर बैठ रहें है तथा चेतावनी दी कि कर्मचारियों को तद्दिवस अकार्य/अवैतनिक कर दिया जायेगा।” आप ही बताए कि दुनियां में कौन ऐसा प्रशासन होगा जो अपने ही विरूद्ध अनशन पर बैठने की पूर्व अनुमति प्रदान करेगा। रही अनुमति की बात तो पिछले कई सत्रों से विश्वविद्यालय का कर्मचारी संघ के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन को अनेक पत्रों/मुलाकातों में अपनी मूलभूत आवश्यकता पीएफ, पेंशन, नियमित वेतन के लिए बारम्बार अवगत कराता रहा है, किन्तु विश्वविद्यालय प्रशासन की संवेदन-शून्यता के चलते कर्मचारियों को आंदोलन का मार्ग चुनना पड़ा, जिसकी सम्पूर्ण यथा अन्यथा जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की ही है। अब जबकि कर्मचारी आंदोलनरत है तो मुखिया अभिभावक की तरह व्यवहार न करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा तानाशाहीपूर्वक कर्मचारियों के आंदोलन को षड्यन्त्रपूर्ण गतिविधियों से तोड़ने का प्रयास कर रहा है। कर्मचारी अतिरिक्त प्रभार से हटाए जा रहे है। उनको अनावश्यक कारण बताओ नोटिस दी जा रही है तथा उन्हे स्थानान्तरण कर अनशन तोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है।
विश्वविद्यालय प्रशासन की उपर्युक्त षड्यन्त्रपूर्ण गतिविधियों तथा शोषण से आहत होकर कर्मचारियों को शांन्ति का मार्ग छोड़ने के लिए यदि मजबूर होना पड़ा अथवा विश्वविद्यालय प्रशासन के शोषण से तंग आकर किसी के द्वारा कोई अनुचित कदम दुर्घटना हो गयी तो इसके लिए आप तथा विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलसचिव श्रीमती नीरजा नामदेव व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगी।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश