प्राइवेट स्कूलों पर नियंत्रण के लिए विधेयक लाएगी राज्य सरकार
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पटना: शिक्षक दिवस पर श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य में प्राइवेट स्कूलों की तरफ से लगाए जा रहे अतिरिक्त शुल्क के विनियमन के लिए राज्य सरकार एक जल्द ही एक विधेयक लाएगी.
सुशील मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने पहले से ही प्राइवेट स्कूलों में वसूले जा रहे अतिरिक्त शुल्क को नियंत्रित करने के लिए प्रावधान किए हैं जो क़ाबिले तारीफ़ हैं. बिहार में भी इस तरह का कानून बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य में 13 नए डिग्री कालेज खोलें जाएंगे और हाई स्कूलों में डिजिटल क्लास रूम बनाये जाएंगे. उन्होंने कहा कि साइकिल योजना के तहत अब तक लगभग एक करोड़ 30 लाख छात्र-छात्राओं को साइकिल दिए जा चुके है जबकि वर्ग एक से आठ तक के लगभग एक करोड़ छात्र-छात्राओं को हर साल पोशाक योजना से लाभांवित कराया जा रहा है.
सुशील मोदी ने कहा कि मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में प्रधानाध्यापक के साथ कम से कम एक शिक्षक प्रतिदिन अपना पूरा समय लगाते है. इसलिए राज्य सरकार ने इस योजना की राशि सीधे छात्र-छात्राओं के खाता में भेजने का अनुरोध केन्द्र सरकार से किया है ताकि शिक्षक गण विद्यालय के शिक्षण कार्य पर अपना ध्यान केन्द्रित कर सकें.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में शिक्षा पर 24 हजार 698 करोड़ रूपये खर्च किया गया था. इसमें 8000 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि करते हुए वर्ष 2018-19 में 34 हजार, 333 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में प्राथमिक शिक्षा के लिए सर्वाधिक 22 हजार 887 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि माध्यमिक शिक्षा के लिए 5209 करोड़ रुपये उच्च शिक्षा के लिए 4295 करोड़ रू. का बजटीय प्रावधान है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सभी कोटि की इंटरमीडिएट उतीर्ण करने वाली अविवाहित बालिकाओं को 10 हजार रुपये और ग्रेजुएशन में पास करने वाली बालिकाओं को 25 हजार रुपये एकमुश्त प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का फैसला लिया है.
इसके साथ ही सुशील मोदी ने कहा कि 7 से 12 साल तक की किशोरी बालिकाओं के लिए सैनिटरी नेपकिन के लिए 150 रुपये की राशि को बढ़ाकर 300 रुपये प्रति बालिका कर दिया गया हैं. क्लास 9 से 12 की छात्राओं के लिए पोशाक राशि 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये कर दिया गया है. मैट्रिक पास करने वाली छात्राओं की संख्या बढ़ी है और साल 2018 में छात्र-छात्राओं का यह अनुपात लगभग बराबर हो गया है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के नियोजन में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत स्थान आरक्षित किए गए हैं, जिसके फलस्वरूप शिक्षिकाओं की संख्या 19 प्रतिशत से बढ़कर 39 प्रतिशत हो गई है. कार्यक्रम को शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने भी संबोधित किया.