September 24, 2024

प्रशिक्षक वैज्ञानिकों ने ग्रामोदय परिसर में किया पौध रोपण

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चित्रकूट – केंद्रीय भूमि जल बोर्ड उत्तर छेत्र भोपाल के तत्वावधान में आज महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में भूजल प्रबंधन एवम विकास विषयक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। दीन दयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। अध्यक्षता ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक डॉ ए के विश्वाल रहें। आयोजक मंडल में पर्यावरण और विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो आई पी त्रिपाठी,
वैज्ञानिक डॉ चितरंजन विश्वाल, प्रशिक्षण संयोजक और अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो शशि कांत त्रिपाठी रहें।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि और दीन दयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने कहा कि भारतीय संस्कृति प्रकृति दोहन की रही है न कि शोषण की। अत्यधिक लाभ और स्वार्थ सिद्ध करने की दृष्टि से लोगों ने प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट करने का प्रयास किया और अभी भी कर रहे हैं। इस पर विराम लगना चाहिए। श्री महाजन ने भारतरत्न राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख की ग्रामोदय संकल्पना को बताते हुए कहा कि नाना जी प्रकृति संरक्षण, ग्रामीण विकास एवम भूजल के हिमायती थे। नित नवीन प्रयोगों और नवाचार की दृष्टि से संस्थापक कुलाधिपति नाना जी देशमुख ने विज्ञान और पर्यावरण संकाय का पृथक से सृजन सुझाया था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने कहा कि मानव जीवन में जल का विशेष महत्व है। भूजल के संरक्षण के लिए प्रकृति प्रदत्त पेड़, पौधों, नदियों, झरनो आदि को संरक्षित करने की आवश्यकता है। कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा ने जल संचय के लिए बुंदेलखंड के जखनी गांव में किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि मनुष्य को जीने के लिए ऑक्सीजन, पानी, भोजन आदि की जरूरत होती है। प्रत्येक व्यक्ति को पूरी ईमानदारी और सक्रियता के साथ स्वच्छ जल और स्वच्छ वायु के संरक्षण की दिशा में प्रयास करते रहना चाहिए। प्रो मिश्रा ने कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन के अभाव में होने वाली ह्रदय विदारक घटनाओं का चित्रण करते हुए कहा कि जीवन जीने के लिए हमें ऑक्सीजन बाजार से खरीदना पड़ा है। आवश्यकता है कि अब हम प्रकृति के संसाधनों के संरक्षण के लिए अपने अतीत से सीख ले। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलगुरु ने माना कि चित्रकूट छेत्र प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड भोपाल ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिसर में भूजल प्रबंधन एवम विकास का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर प्रशंसनीय कार्य किया है। मुझे विश्वास है कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को एक नवीन कौशल प्राप्त हो सकेगा।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। अतिथियो के वैशिष्ट का परिचय कार्यकम संयोजक प्रो शशि कांत त्रिपाठी ने दिया। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक डॉ ए के विश्वाल ने भूमि जल बोर्ड के कार्यों और गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए वीडियो क्लिप प्रदर्शित किया। भूमि जल बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ कमलेश ओझा और डॉ सौम्या चौधरी ने स्मृति चिन्ह भेंट किया। आभार प्रदर्शन प्रो आई पी त्रिपाठी ने किया। संचालन डॉ सौम्या चौधरी ने किया।
छात्राओ और डॉ रवि चौरे ने संयुक्त रूप से राष्ट्रगान प्रस्तुत किया।
इस मौके पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों सहित ग्रामोदय विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, शोध कर्ता और विद्यार्थी मौजूद रहे।

जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश

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