April 29, 2024

Intellectual property rights पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन

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चित्रकूट – महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के सीएमसीएलडीपी सभागार में दो दिवसीय बौद्धिक संपदा संपदा अधिकार विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन हुआ। इंजीनियर पियूष गर्ग पेटेंट कार्यालय कलकत्ता मुख्य अतिथि रहे। दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन एवं कोषाध्यक्ष बसंत पंडित विशिष्ट अतिथि रहे। अध्यक्षता कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने की। कार्यशाला अध्यक्ष प्रो आईपी त्रिपाठी अधिष्ठाता विज्ञान एवं पर्यावरण संकाय एवं कार्यशाला संयोजक प्रो घनश्याम गुप्ता विभागाध्यक्ष ऊर्जा एवं पर्यावरण रहें। विषय विशेषज्ञ डॉ सुमित कुमार उदघाटन सत्र में रहे। सत्र संचालन डॉ वंदना पाठक ने किया। वैज्ञानिक और प्रबंधन बिरादरी को संवेदनशील बनाने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों पर केंद्रित इस राष्ट्रीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में विश्व जल दिवस पर भी विद्वानों ने अपने-अपने विचार रखें। इस अवसर पर उद्घाटन सत्र के विशिष्ट अतिथि एवं दीनदयाल सोच संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव और ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल के सदस्य अभय महाजन ने कहा कि विश्व जल दिवस पर अपनी व्याख्यान प्रस्तुति में कहा कि भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में जल का महत्व पूरे वर्ष रहता है। हमें जल ही जीवन के नारे को आत्मसात करते हुए जल संरक्षण के लिए सदैव प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य देशों में जल दिवस वर्ष में केवल एक दिन मनाया जाता है, जबकि भारत में संपूर्ण वर्ष जल दिवस रहता है। बौद्धिक संपदा अधिकार के संदर्भ में श्री महाजन ने कहा कि हमारा देश बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में काफी सशक्त है। आवश्यकता है पेटेंट कार्यक्रम के प्रति विशेष जन जागरूकता की । विशिष्ट अतिथि बसंत पंडित ने बौद्धिक संपदा अधिकार और जल के महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि इजी पियूष गर्ग पेटेंट कार्यालय कलकत्ता ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय से अपने आत्मीय संबंधों का स्मरण करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय में विविध प्रकार की बौद्धिक संपदा हैं, जिसे पेटेंट करा कर राष्ट्रीय विकास में योगदान किया जा सकता है। इजी पियूष गर्ग ने पेटेंट के नियम और प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी।।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने विश्व जल दिवस पर अपने मार्गदर्शन उद्बोधन में कहा कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय जल संरक्षण की दिशा में अपना सशक्त योगदान कर रहा है। मंदाकिनी नदी की सफाई एवं स्वच्छता के लिए पर्यावरण के शिक्षक एवं विद्यार्थी मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि पर्यावरण के शिक्षक और विद्यार्थी मिलकर विश्वविद्यालय परिसर में जल संरक्षण के सार्थक उपायों को प्रदर्शित करने वाले मॉडल स्थापित करें ।इस मौके पर पर कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने ग्राम दर्शन पार्क में सोकपिट बनाने के लिए स्वयं गड्ढे की खुदाई किया और कहा कि जल की बर्बादी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। राष्ट्रीय कार्यशाला अध्यक्ष प्रो आईपी त्रिपाठी ने कार्यशाला के महत्व , औचित्य एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला। आयोजन सचिव प्रो घनश्याम गुप्ता ने रामचरितमानस में वर्णित चौपाई और दोहा के माध्यम से बौद्धिक संपदा अधिकारों के उदाहरण की विषय वस्तु को रेखांकित किया। आभार प्रदर्शन प्रो आई पी त्रिपाठी ने किया।इस अवसर पर की संकायों के अधिष्ठाता, अधिकारी,शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश

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