हिन्दी साहित्य में विकलांग विमर्श पर पीयूष द्विवेदी का शोध-प्रबंध
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चित्रकूट उप्र – चित्रकूट जनपद में स्थित जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय चित्रकूट के हिन्दी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत पीयूष कुमार द्विवेदी ने एक कीर्तिमान गढ़ दिया है । उन्होंने स्वयं दिव्यांग होते हुए ‘हिन्दी साहित्य में विकलांग विमर्श’ पर थीसिस लिखी है जो विकलांग विमर्श पर पी-एच. डी. उपाधि हेतु प्रस्तुत की गई पद्य आधारित पहली थीसिस है । इससे पहले विकलांग विमर्श पर किसी भी विश्वविद्यालय में ऐसा शोध-प्रबंध इस उपाधि हेतु नहीं जमा किया गया है । पीयूष कुमार द्विवेदी ने अपना शोध कार्य विश्वविद्यालय के जीवन पर्यन्त कुलाधिपति पद्मविभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज जी के कुशल शोध निर्देशन में पूर्ण किया है तथा उनके सह शोध निर्देशक डॉ. शांत कुमार चतुर्वेदी रहे हैं ।
डॉ. पीयूष कुमार द्विवेदी को इस मुकाम तक पहुँचने के लिए अनेक संघर्ष झेलने पड़े हैं । बचपन में दिव्यांगता के कारण परिवार वालों ने माँ समेत घर से निकाल दिया था परन्तु मामा वामदेव द्विवेदी ने घर में शरण दिया और उच्च शिक्षा भी दिलाई । पीयूष आरंभ से मेधावी रहे हैं जिसके कारण बी. ए. तथा एम. ए. में सर्वोच्च अंकों के साथ स्वर्ण पदक प्राप्त किया । उन्होंने लगातार हिन्दी साहित्य में पाँच बार यूजीसी नेट उत्तीर्ण किया तथा सन् 2019 में उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्कृष्ट साहित्यकार सम्मान से सम्मानित भी किए गए हैं । द्विवेदी जी की अब तक पांच किताबें प्रकाशित हुई हैं और दर्जनों साझा संकलनों एवं देश-विदेश की पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं । वह विश्वविद्यालय में सन् 2014 से शिक्षण कार्य कर रहे हैं । उन्होंने अपनी बहन गायत्री द्विवेदी को इस कार्य की सफलता का श्रेय दिया ।
उनकी इस उपलब्धि पर विश्व के मूर्धन्य विद्वान-साहित्यकार जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्रसन्नता प्रकट की एवं आशीर्वाद प्रदान किया । विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पाण्डेय, कुलसचिव मधुरेन्द्र कुमार पर्वत, कुलाधिपति के निजी सचिव श्री आर.पी. मिश्र, अधिष्ठाता द्वय डॉ. विनोद मिश्र एवं डॉ. महेंद्र कुमार उपाध्याय , विषय विशेषज्ञ डॉ. कुसुम सिंह , डॉ. नीलम चौरे जी, विभागाध्यक्ष डॉ. किरण त्रिपाठी जी, डॉ. मनोज कुमार पाण्डे आदि ने बधाइयाँ दीं।

राघवेंद्र सचान सिटी रिपोर्टर भारत विमर्श चित्रकूट उत्तर प्रदेश