कृषि फार्म में बर्मी कम्पोस्ट की एक अतिरिक्त यूनिट निर्मित की गई
1 min readचित्रकूट – महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में चल रहे जैविक खेती तथा प्राकृतिक खेती के मासिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत जैविक खेती के लिए उपयोगी वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने की प्रभावी विधि बताई गई।
इस अवसर पर राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र गाजियाबाद के सहायक निदेशक डिप्टी डायरेक्टर डॉ ए के शुक्ला ने एफसीओ विशिष्टता जैव उर्वरक और जैविक उर्वरकों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। राष्ट्रीय जैविक एवं प्राकृतिक खेती केंद्र गाजियाबाद की वैज्ञानिक डॉ रश्मि सिंह ने पीजीएस इंडिया प्रमाणीकरण से संबंधित जानकारी वर्चुअल माध्यम से शेयर किया। कृषि संकाय के अधिष्ठाता प्रो डी पी राय ने प्राकृतिक खेती और सतत् कृषि को रेखांकित किया। कृषि वैज्ञानिक डॉ पावन सिरोठिया ने मृदा परीक्षण की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।मृदा विज्ञान विषय के शोधार्थी विवेक कुमार सिंह ने राइजोबियम कल्चर का प्रेजेंटेशन किया। प्रशिक्षण के दौरान वर्मी कंम्पोस्ट बनाने के व्योहारिक आयामों के माध्यम से कृषि फार्म में बर्मी कम्पोस्ट तैयार करने की एक अतिरिक्त यूनिट निर्मित की गई।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश