May 4, 2024

15 साल पुराने मामले में माफिया मुख्‍तार अंसारी को सजा

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गाजीपुर- गाजीपुर की MP MLA कोर्ट ने गैंगेस्टर एक्ट में बाहुबली मुख्‍तार अंसारी को दस साल जेल की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है। मुख्‍तार के भाई और सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल जेल की सजा मिली है। अब उनकी लोकसभा सदस्‍यता जानी तय है। पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और भाई बीएसपी सांसद अफजाल अंसारी के लिए शनिवार का दिन बड़ा रहा। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दर्ज केस के आधार पर अफजाल अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था। वहीं, मुख्तार अंसारी के खिलाफ भाजपा विधायक कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता रुंगटा की हत्या के मामले में गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज है। दोनों भाईयों के खिलाफ मुहम्मदाबाद थाने में 2007 में क्राइम नंबर 1051 और 1052 दर्ज हुआ था।
अफजाल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गयाअफजाल अंसारी को कोर्ट ने चार साल जेल की सजा सुनाई है। अब उनकी लोकसभा सदस्‍यता जाना तय है। अफजाल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले मुख्‍तार अंसारी को 10 साल जेल और पांच लाख जुर्माने की सजा सुनाई जा चुकी है।
भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय का बयान सामने आया है। उन्‍होंने कहा कि मैं न्यायपालिका में विश्वास करती हूं। गुंडों, माफियाओं का शासन (राज) खत्म हो गया है। ये या तो जेल में रहेंगे, नहीं तो ऊपर चले जाएंगे। दूसरी ओर, अफजाल अंसारी कोर्ट पहुंच गए हैं और मुख्तार अंसारी वर्चुअल पेशी पर हाजिर होंगे। फैसले के मद्देनजर गाजीपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में सुरक्षा व्‍यवस्‍था चाकचौबंद रही। हर गेट पर सुरक्षाकर्मी चौकस नजर आ रहे। कोर्ट में अंदर आने वालों को पूरी तलाशी के बाद ही जाने दिया। 15 साल बाद आने जा रहे इस फैसले पर सबकी नजर है। पहले यह फैसला 15 अप्रैल को ही आने वाला था पर बाद में डेट बढ़ा दी गई थी।2019 में अफजाल अंसारी गवाहों के मुकर जाने के चलते कृष्णानंद राय हत्या के मामले में बरी हो चुके हैं। जबकि मुख्तार अंसारी कृष्णानंद राय और नंदकिशोर रुंगटा दोनों ही हत्याकांड में बरी हो गया था। दोनों भाई गवाहों के अपने बयान से मुकर जाने के चलते बरी हुए थे।

2019 में कोर्ट ने दोनों भाइयों को बरी कर दिया था
कृष्णानंद राय की 2005 में हुई हत्या के मामले में 2019 में कोर्ट ने दोनों भाइयों को बरी कर दिया था। जबकि नंदकिशोर रूंगटा की हुई हत्या के मामले में 2001 में मुख्तार अंसारी बरी हो गया था।
गवाहों के मुकरने से बढ़ी मुश्किलें
इसके बावजूद गैंगस्टर केस में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि कोर्ट गवाहों के मुकरने की वजह से बरी होने के आधार पर कड़ा फैसला सुना सकती है।

भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश

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