भूकंप त्रासदी के बाद एक और नए खतरे में तुर्की और सीरिया
1 min readनई दिल्ली – तुर्की और सीरिया अभी भूकंप की मार झेल रहे हैं. अब तक भूकंप से दोनों देशों में मरने वालों की संख्या 440000 के आंकड़े को पार कर गई है। तभी, रोग निवारण और नियंत्रण के लिए यूरोपीय केंद्र (ECDC) ने भूकंप प्रभावित इन देशों में एक नई आपदा के खतरे से आगाह किया है. स्टॉकहॉम स्थित रोग निवारण केंद्र ने घोषणा की है कि अगले दो से चार सप्ताह में इन दोनों देशों में संक्रामक रोगों के उद्भव और प्रसार देखे जा सकते हैं. बताया गया कि शेल्टर होम में रहने वालों और भूकंप से बचे लोगों को खाद्य और जल जनित, और श्वसन संक्रमण जैसी गंभीर बीमारी हो सकती हैं। ईसीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भूकंप से इंफ्रास्ट्रक्चर ध्वस्त हो गया है जिससे लोगों की पीने योग्य पानी तक पहुंच, अपर्याप्त स्वच्छता और पके हुए खाने की सुविधाएं नहीं होने की वजह से संक्रामक बीमारियां फैल सकती हैं। एजेंसी ने भविष्यवाणी की कि आने वाले हफ्तों में प्रभावित क्षेत्रों में हैजा के मामलों में वृद्धि की आशंका है. अन्य भोजन और/या जलजनित रोग शिविरों में प्रकोप का कारण बन सकते हैं. इन रोगों में हेपेटाइटिस ए, नोरोवायरस और रोटावायरस प्रमुख हैं। एजेंसी ने बताया कि श्वसन संक्रमण, जैसे कि कोविड-19, मौसमी इन्फ्लूएंजा और अन्य सांस के वायरस युवकों, खासकर किशोरों और बुजुर्गों के लिए “एक विशेष चिंता” हैं, जो इन जटिल संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। आश्रय गृहों में ज्यादा स्थायी बस्तियों में भीड़भाड़ की स्थिति से खसरा, छोटी चेचक, मेनिनजाइटिस या पोलियोमाइलाइटिस जैसी वैक्सीन से बचाव योग्य बीमारियों के संचरण का खतरा बढ़ सकता है. वहीं, मलबे से निकाले गए लोगों को लगी चोटें और खुले घावों से टिटनेस फैलने का भी खतरा है।ईसीडीसी ने बताया कि संक्रमण से फैलने से रोकने के लिए अस्थायी टेंटों/ बस्तियों में रह रहे लोगों के लिए स्वच्छ पानी और पके हुए खाने योग्य भोजन की व्यवस्था करनी होगी. इसके साथ ही नियमित टीकारण को सुनिश्चित करना होगा। मिली जानकारी के अनुसार अंतरराष्ट्रीय संगठन प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल प्रयोगशालाओं को तैनात करने की योजना बना रहे हैं, और वे दोनों प्रभावित देशों को विशेषज्ञ सहायता भी प्रदान कर सकते है।
बताया गया कि सार्वजनिक स्वास्थ्य कर्मचारियों को अस्थायी टेंटों में रह रहे विस्थापितों की नियमित स्वास्थ्य निगरानी और संक्रमण के प्रकोप की प्रारंभिक चेतवानी देने से इस संक्रमण पर कुछ हद तक काबू पाया जा सकता है। मालूम हो कि सीरिया और तुर्की में 6 फरवरी को आए भूकंप ने अब तक 44 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली है और अभी भी रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है और कल रात को 6.4 की तीव्रता से आए भूकंप ने लोगों की चिंता फिर से बढ़ा दी है।तुर्की में भूकंप की तबाही की मंजर की ऊपर से ली गई तस्वीर. स्टॉकहॉम स्थित रोग निवारण केंद्र ने घोषणा की है कि अगले दो से चार सप्ताह में इन दोनों देशो में संक्रामक रोगों के उद्भव और प्रसार देखे जा सकते हैं. बताया गया कि शेल्टर होम में रहने वालों और भूकंप से बचे लोगों को खाद्य और जल जनित, और श्वसन संक्रमण जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।
भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश