प्राचीन पर्णकुटी स्थल पर भव्य मंदिर निर्माण के बाद मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा का हुआ आयोजन
1 min readचित्रकूट – मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन तपस्थली पवित्र नगरी चित्रकूट धाम स्थित प्राचीन पर्णकुटी स्थल पर भव्य पर्णकुटी मंदिर निर्माण के बाद भगवान श्री राम माता जानकी और लक्छमण जी की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का शुभारंभ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एसडीएम मझगंवा पी एस त्रिपाठी द्वारा सपत्नीक कन्या पूजन और गौ पूजन करके किया गया।गौर तलब है कि जहां हिंदुओं के पवित्र धार्मिक ग्रंथ श्रीराम चरित मानस के अनुसार वनवास काल के दौरान भगवान श्री राम माता जानकी और लक्छमण जी इसी स्थान पर पर्णकुटी अर्थात पत्तों की कुटिया बनाकर निवास करते थे।तो वहीं सन 1885 के बाद से उपलब्ध राजस्व अभिलेखों के अनुसार उक्त भूमि पर्णकुटी के रुप में दर्ज थी।लेकिन दुर्भाग्य से इस पवित्र स्थल पर बना प्राचीन मंदिर खंडहर में तब्दील हो गया था,और केवल पीपल वृक्ष के नीचे हनुमान जी की विराजमान प्रतिमा ही अवशेष प्राप्त था।इसी मान्यता दस्तावेजी प्रमाणों के आधार पर स्थानीय निवासियों द्वारा बीते काफी समय से इस स्थान पर पर्णकुटी मंदिर निर्माण की मांग की जा रही थी।जिसके बाद प्रशासन द्वारा पहल करते हुए जन सहयोग से इस स्थान पर भव्य पर्णकुटी मंदिर का निर्माण करवाया गया।और मंदिर में भगवान श्री राम माता जानकी और लक्छमण जी की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।जिसमे प्रथम दिवस एक फरवरी को वैदिक पंडितों द्वारा पूरे विधि विधान से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एसडीएम मझगंवा पी एस त्रिपाठी और उनकी धर्म पत्नी के हाथों कन्या पूजन और गौ पूजन करवाते हुए मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का शुभारंभ करवाया गया।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०