May 4, 2024

राहुल की यात्रा ने बढ़ाई भाजपा की परेशानी

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भोपाल – मध्य प्रदेश में 11 माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी है। इसी बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और संघ की एक सर्वे रिपोर्ट ने भाजपा की परेशानी बढ़ा दी है। एक तरफ भाजपा 200 विधानसभा सीटें जीतने का टारगेट लेकर चल रही है, वहीं दूसरी तरफ संघ के सर्वे में बताया गया है कि भाजपा के वर्तमान 127 विधायकों में से केवल 80 ही चुनाव जीतने की स्थिति में हैं। ऐसे में भाजपा के 47 विधायकों का टिकट कटना तय है। इनमें कुछ मंत्री भी शामिल हैं।

भाजपा और संघ के सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव की तैयारी का वास्तविक हाल मालूम करने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय संगठक वी. सतीश को मप्र के विशेष दौरे पर भेजा था। वे चार दिन रहकर सत्तर-संगठन सहित अन्य क्षेत्र में काम करने वाले नेताओं से मिले और चुनावी फीडबैक लिया। इस दौरान उन्होंने मंत्रियों और विधायकों से भी वन-टू-वन किया। बताया जाता है कि इस दौरान उन्होंने संघ की सर्वे रिपोर्ट भी सभी के सामने रखी।

कई मंत्रियों को लगाई फटकार
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सतीश के पास मप्र से संबंधित कोई प्रभार नहीं है। इसी कारण पार्टी ने उन्हें निष्पक्ष रिपोर्ट पाने के हिसाब से मप्र भेजा था। चार दिनों में उन्होंने भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक की और अलग-अलग बातचीत भी की। बताया जाता है की उन्होंने वन-टू-वन में खराब प्रदर्शन वाले मंत्रियों को फटकार भी लगाई। साथ ही चेतावनी दी की अगर परफॉर्मेंस नहीं सुधरा है तो टिकट कटना तय मानिए। इसे संयोग ही माना जाए कि एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मप्र में थी और दूसरी तरफ भाजपा संगठन के केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी के राष्ट्रीय संगठक वी सतीश को मप्र के विशेष दौरे पर भेजा था। वे मप्र में चार दिन रहे और कई नेताओं के साथ मुलाकात की। सतीश ने भोपाल प्रवास के दौरान सामूहिक स्तर पर विचार विमर्श किया और व्यक्गित स्तर पर भी। उन्होंने सरकार के कामकाज के बारे में भी फीडबैक लिया।

राहुल और उनकी यात्रा ने बढ़ाई चिंता
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का शुक्रवार को मप्र में 10वां दिन था। यात्रा अपने अंतिम चरण में है और दो दिन बाद राजस्थान में दाखिल हो जाएगी। यात्रा के पहले हिंदी भाषी मध्य प्रदेश में राहुल गांधी ने सॉफ्ट हिंदुत्व और सभी वर्गों को साधने की कोशिश की। प्रदेश की टॉप लीडरशिप ने भी एकजुटता दिखाने का प्रयास किया। वहीं, राहुल की यात्रा को जनता के मिले समर्थन से कार्यकर्ता भी उत्साहित हैं। माना जा रहा है कि मालवा-निमाड़ के 66 विधानसभा क्षेत्रों पर इस यात्रा का व्यापक असर पड़ रहा है। इस रिपोर्ट ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। भारत जोड़ो यात्रा का रूट मालवा-निमाड़ रखा गया। यहां आदिवासी वर्ग का प्रभाव ज्यादा है। इसके साथ ही सभी वर्गों को साधने की कोशिश की गई। यह वजह है कि राहुल के टंट्या भील के गांव और महू बाबा साहब अंबेडकर की जन्मस्थली गए। 2003 से आदिवासी वर्ग भाजपा के साथ था, लेकिन 2018 में छिटकर कांग्रेस के पास चला गया। जिसका खामियाजा बीजेपी को सत्ता गवां कर भुगतना पड़ा। कांग्रेस को पूरा जोर इस बात है कि आदिवासी वर्ग उनके साथ ही बना रहे।

कांग्रेस लीडरशीप उत्साह में
राहुल गांधी की यात्रा के दौरान प्रदेश लीडरशिप न सिर्फ एक्टिव दिखी बल्कि उन्होंने एकजुटता का भी संदेश दिया। इंदौर में प्रेस कांफ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने खुद को कमलनाथ का संकेत में राइट हैंड बताया। दोनों के बीच जुंगलबंदी कार्यकर्ताओं के उत्साह के लिए जरूरी है। इससे पार्टी में गुटबाजी की अटकलों पर विराम लगा। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि भाजपाई विचारधारा और सरकार द्वारा किए जा रहे तमाम नारात्मक रवैए के बावजूद बिना उनके किसी सहयोग के जनसैलाब उमड़ा। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और उसके संदेश को जन जन तक पहुंचाने के लिए 100 प्रतिशत से भी अधिक सफल हुई है। यात्रा के उद्देश्य जनता के दिलों में बैठ गए हैं। हम इससे बेहद प्रशन्नता की अनुभूति महसूस कर रहे हैं।

भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश

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