मझगंवा जनपद पंचायत में सबसे बड़ा पीएम आवास घोटाला
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चित्रकूट – घोटालों और भ्रष्टाचार के लिए पूरे प्रदेश में सर्वाधिक बदनाम और कुख्यात सतना जिले में एक बार पुनः आवास घोटाला सामने आया है। बीते दिनों जिले के नागौद में पीएम आवास घोटाला सामने आने पर जिला पंचायत सीईओ द्वारा कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।अब जिले की मझगंवा जनपद पंचायत में अधिकारियों कर्मचारियों की मिली भगत से पीएम आवासों में किए गए घोटालों का मामला सामने आने से हड़कंप मचा हुआ है।जिसकी बानगी आज उस समय देखने को मिली,जब वास्तविक हितग्राहियों द्वारा जांच हेतु आवेदन जनपद सीईओ को सौंपा गया।और जब इस मामले में पत्रकारों द्वारा सीईओ से जानकारी मांगी गई तो जनपद सीईओ भाग खड़े हुए।
पूरा मामला सतना जिले की मझगंवा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत पिंडरा के बरुआ कोलान का है। ग्राम पंचायत में सन 2011 में की गई सर्वे सूची के अनुसार प्रधानमंत्री आवास हेतु क्रमशः राजबहादुर पिता रामासरे आई डी क्र. एमपी1900861,गुड्डू प्रसाद पिता मोला माता गीता आई डी क्र. एमपी 1886780,बाबूलाल पिता मइका माता बउआ आई डी क्र. एमपी 1886852, सुरिजपाल पिता समइया माता ठिकहाई आई डी क्र. एमपी 1888903,रामलखन पिता आनंदी माता छितिया आई डी क्र.1900513,अच्छेलाल पिता कल्लू माता कल्ली आई डी क्र. एमपी 1904132,कमलेश प्रसाद पिता इंदा आई डी क्र. एमपी 1907907,दिनेश प्रसाद पिता मुन्नालाल माता किसमतिया आई डी क्र. एमपी 1908208,सुरेश कुमार पिता छत्रबली आई डी क्र. एमपी 4121441,राजेश कुमार पिता भोला प्रसाद माता सरमनिया आई डी क्र.एमपी 5168046,लाला प्रसाद पिता सोहन लाल माता मुन्नी देवी आई डी क्र. एमपी 1886804, का नाम जोड़ा गया था।लेकिन सन 2022 समाप्त होने को है,लेकिन उक्त हितग्राहियों के आवास आज दिनांक तक नहीं बन पाए हैं।सबसे मजेदार कहानी यह है कि जनपद पंचायत के अधिकारियों कर्मचारियों की भ्रष्टाचारी नीति के चलते उक्त हितग्राहियों की आई डी क्रमांक पर जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बरौं में इन हितग्राहियों के मिलते जुलते नाम वाले अपात्र हितग्राहियों को पीएम आवासों की किस्त जारी करके उनके आवास बनवा दिए गए।जो इसके पात्र ही नहीं थे।सर्वाधिक हैरतअंगेज बात तो यह है कि ग्राम पंचायत बरौ में जिन अपात्र हितग्राहियों के आवास ग्राम पंचायत पिंडरा के कोलान बस्ती निवासी उक्त हितग्राहियों की आई डी पर जनपद अधिकारियों कर्मचारियों की मेहरबानी से बनवाए गए, उन अपात्र लोगो के न तो पिता के नाम मिलते हैं और न ही माता के नाम मिलते हैं।जबकि वहीं दूसरी तरफ वास्तविक पात्र हितग्राही लगभग ग्यारह साल से प्रधानमंत्री आवासों के लिए भटक रहे हैं।लेकिन ग्राम पंचायत में सचिव सरपंच और रोजगार सहायक सहित जनपद के अधिकारी इन गरीबों की फरियाद नही सुन पाए।मंगलवार को उक्त सभी हितग्राहियों के द्वारा स्थानीय कांग्रेस नेता आशुतोष द्विवेदी के साथ जनपद पंचायत कार्यालय जाकर सीईओ सुलब सिंह पूसाम को जांच हेतु ज्ञापन सौंपा गया है।और जब इस मामले में पत्रकारों द्वारा सीईओ से जानकारी मांगी गई,तब जनपद सीईओ कार्यालय से भाग खड़े हुए है।इससे यह सहज ही समझा जा सकता है कि कहीं न कही इस पूरे मामले में जनपद सीईओ की भूमिका भी बेहद संदेहास्पद है। इसलिए जबतक इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच नहीं कराई जाती है।तब तक शायद ही गरीबों को उनका वाजिब हक मिल पाए।

जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०