May 5, 2024

हिंदी के महत्व विषय पर व्याख्यान आयोजित

1 min read
Spread the love

चित्रकूट – हिंदी में ज्ञान के प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में आज महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में  हिंदी विभाग के तत्वावधान में “हिंदी की महत्ता” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बी.ए., बी. एस सी., बी .कॉम. एवं अभियांत्रिकी के छात्रों को विस्तृत जानकारी भी दी गई कि पहली बार मेडिकल की शिक्षा  हिंदी में देने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य बना है। एमबीबीएस प्रथम वर्ष की हिंदी में तैयार पाठ्य पुस्तकों का लोकार्पण  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह  द्वारा 16 अक्तूबर को भोपाल में होगा।इस उत्सव के क्रम में आज ग्रामोदय विवि  में व्याख्यान सम्पन्न हुआ।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफ़ेसर भरत मिश्र, कुलपति ,महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय ,चित्रकूट ने की। मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर श्रीकांत सिंह ,अध्यक्ष ,इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग ,माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय ,भोपाल द्वारा हिंदी की महत्ता विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। प्रोफ़ेसर सिंह ने सर्वप्रथम केन्द्र सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेडिकल की शिक्षा हिंदी भाषा में दिए जाने का यह जो अद्वितीय कार्य  इन दोनों सरकारों ने किया है ,वह असंभव को संभव बनाने जैसा है ।अभी तक मेडिकल एवं ज्यूडिसियरी का सारा  का सारा कार्य अंग्रेजी भाषा में होता रहा है जबकि  हमारी ज्ञान संपदाएं संस्कृत भाषा में हैं। अब डॉक्टर हमारी भाषा में चिकित्सा व्यवस्था को उपलब्ध कराएगा। इस दिशा में निश्चय ही सफलता मिलेगी। हिंदी भाषा के महत्व का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि जब राम कथा रामचरितमानस के रूप में अवधी भाषा में पाठकों के सामने आई तो उसका अपना विशेष महत्व था ,जो हर वर्ग में पढ़ी, समझी एवं आत्मसात की गई ।निश्चय ही अब हमारा चिकित्सक अपनी बुद्धि, कौशल एवं संसाधनों का उपयोग कर अपनी ही भाषा में अपने परिवेश के अनुरूप मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करेगा। फलत:  अब हमें गांव गांव में चिकित्सक उपलब्ध होंगे ।यह एक प्रशंसनीय पहल है। चिकित्सा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश का पहला नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। साथ ही चिकित्सा छात्रों की संख्या भी बढ़ेगी ।हिंदी भाषा भाषा नहीं बल्कि एक विचार है ।रोजगार देने का सशक्त माध्यम है ।चिकित्सा शिक्षा में हिंदी माध्यम बनाए जाने से शिक्षा का उन्नयन हिंदी में होगा और विकास की प्रक्रिया भी तीव्रतर होगी ।अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर भरत मिश्र ने कहा कि लड़ाई ,पढ़ाई एवं दवाई तीनों महंगी है। मनुष्य की मूल अभिव्यक्ति उसकी अपनी मातृभाषा में होती है। हमारा देश बहुसंख्यक हिंदी भाषी है फिर भी चिकित्सा की पढ़ाई कठिन थी। अब मध्यप्रदेश सरकार की सार्थक पहल से एक गौरवशाली ऐतिहासिक परंपरा की शुरुआत हो रही है जो हिंदी के विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। हिंदी केवल आस्था, सम्मान, संस्कार की भाषा ही नहीं अब अभियांत्रिकी, चिकित्सा ,कृषि ,तकनीकी विषयों के अभिव्यक्ति की सशक्त भाषा बन चुकी है ।अधिष्ठाता ,कला संकाय प्रोफ़ेसर नंदलाल मिश्र ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश शासन की यह पहल निश्चय ही हिंदी भाषा के विकास को एक नई दिशा देगी। कार्यक्रम का संयोजन डॉ कुसुम सिंह,  अध्यक्ष, हिंदी विभाग ने किया एवं  कुशल संचालन डॉ ललित कुमार सिंह द्वारा किया गया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक,अधिकारी एवं समस्त संकाय के विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।
     कार्यक्रम की अगली कड़ी में सायं 6.30 बजे से गांधी उपवन में हिंदी भाषा उत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत “एक शाम हिंदी के नाम”आयोजित किया गया।कार्यक्रम में हिंदी के प्रयोग एवं उपयोगिता पर विचार विमर्श के बाद कुलपति प्रो भरत मिश्रा के नेतृत्व में   छात्र,शिक्षक, अधिकारियों ने एक – एक दीपक प्रज्वलित किया हिंदी प्रकाश पर्व के नाम पर।कार्यक्रम का संयोजन डॉक्टर कुसुम सिंह ने किया।हिंदी विभाग के शोध छात्र अव्यक्त,अम्बरीष,अखिलानंद, शैलेन्द्र,सत्येंद्र, भारती,प्रियंका,मांडवी आदि मौजूद रहे।

जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved Powered By Fox Tech Solution | Newsphere by AF themes.