MP सबसे साफ स्टेट, इंदौर ने लगाया छक्का
1 min readइंदौर – स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के नतीजों में एक बार फिर मध्यप्रदेश का डंका बजा है। राजस्थान-महाराष्ट्र को पछाड़ कर मध्यप्रदेश देश का सबसे स्वच्छ राज्य बन गया है। 100 से अधिक शहरों वाले राज्य में मध्यप्रदेश नंबर-1 पर आया। वहीं, इंदौर ने सफाई का सिक्सर लगाया। भोपाल की रैंक भी पिछली बार के मुकाबले सुधरी है। इस बार भोपाल को छठवां स्थान मिला है। पिछली बार यह सातवें स्थान पर था। इंदौर को गार्बेज फ्री सिटी में 7 स्टार रेटिंग मिली है, वहीं, भोपाल को 5 स्टार मिला है।
पिछले सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश की रैंकिंग तीन थी। इसका कारण पिछले साल 2021 में सिटीजन फीडबैक यानी जनता की सक्रिय भागीदारी में मध्यप्रदेश का पिछड़ना था। इस कैटेगरी में देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को भी 6 हजार अंक नहीं मिले थे। उज्जैन, भोपाल, ग्वालियर जैसे शहर तो 5 हजार अंक भी नहीं ला पाए थे। इस बार सिटीजन फीडबैक में प्रदेश ने सबसे बेहतर काम किया, जिससे मप्र नंबर-1 बन सका।
दिल्ली में हुई सेरेमनी में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों इंदौर के सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने सफाई का अवॉर्ड हासिल किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और कौशल किशोर भी मौजूद थे।
4355 शहरों ने हिस्सा लिया, इंदौर अव्वल
वर्ष 2016 में सिर्फ 73 शहर थे। तब भी इंदौर नंबर-1 पर रहा था। अब 4355 शहर इस दौड़ में शामिल थे। फिर भी इंदौर ने नंबर-1 का तमगा हासिल किया।
सफाई मित्र सुरक्षा एवं स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के पुरस्कार
सफाई मित्र सुरक्षा 2022 में सर्वश्रेष्ठ शहर- तिरुपति
साफ घाट सर्वश्रेष्ठ शहर- हरिद्वार
सबसे स्वच्छ कंटोनमेंट- देवलाली
फास्टेज मूवर्स सिटी- शिमोगा
सबसे स्वच्छ शहर
एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में ये टॉप-3 शहर
1-पंचगनी (महाराष्ट्र)
2- पाटन (छत्तीसगढ़)
3- कराड (महाराष्ट्र)
एक लाख से अधिक आबादी वाले शहर
1- इंदौर (मध्यप्रदेश)
2- सूरत (गुजरात)
3- नवी मुंबई (महाराष्ट्र)
इंदौर ने लगाया पूरा दम
इंदौर वर्ष 2017 से ही देशभर में नंबर-1 पर आ रहा है। अबकी बार इंदौर ने सिक्सर लगाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। इसके लिए कई इनोवेशन भी किए गए। आखिरकार इंदौर ने सफाई का सिक्सर लगा ही दिया। मार्च-अप्रैल में सर्वेक्षण और डॉक्यूमेंट अपलोड किए गए थे। जनता के फीडबैक को लेकर भी पूरा जोर लगाया गया।
राजधानी को संवारने में लगाया पूरा जोर
राजधानी भोपाल में निगम ने सफाई और सजावट को लेकर पूरी ताकत झोंक दी थी। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन पर खास जोर दिया गया। सूखा और गीला कचरा अलग-अलग लिए गए। वहीं, गाड़ियों के गली-मोहल्लों में पहुंचने की टाइमिंग भी ठीक की गई। पार्कों की सजावट, नए पार्कों में इनोवेशन, फुटपॉथ और सेंट्रल वर्ज की धुलाई, डिवाइडर का रंगरोगन भी किया गया। रैली समेत स्वच्छता से जुड़े कई काम किए गए।
7500 अंकों का सर्वेक्षण
इस बार सर्वेक्षण 6000 की बजाए 7500 अंकों का हुआ था। इसमें जनता से फीडबैक, खुले में शौच, डोर-टू-डोर कचरा कनेक्शन, सौंदर्यीकरण जैसे प्रमुख बिंदू शामिल रहे। इनके अलावा इनोवेशन और दस्तावेजों के आधार पर भी अंक मिले।
दो साल में बढ़ी अवॉर्ड की संख्या
स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में प्रदेश को कुल 27 सम्मान मिले थे। इसमें 18 शहर स्टार रेटिंग और 9 शहर स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए थे। वहीं, 2021 के सर्वेक्षण में कुल 35 अवॉर्ड मिले थे।
इंदौर-भोपाल के महापौर मौजूद
कार्यक्रम में इंदौर और भोपाल के महापौर, कमिश्नर समेत स्वच्छता से जुड़ा स्टाफ भी मौजूद रहा।
स्वच्छता के मामले में इंदौर ने शनिवार को एक और इतिहास रच दिया। स्वच्छता के मामले में इंदौर ने लगातार छठी बार देश में अपना परचम लहरा दिया। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 के अवार्ड समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने यह अवार्ड प्रदान किया। पुरस्कार सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने ग्रहण किया।
भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश