सचिव,रोजगार सहायक के भ्रष्टाचार की जांच को लेकर ग्रामीण युवा बैठे अनशन पर
1 min readपिंडरा – प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भले ही भ्रस्टाचारियों गुंडे बदमाशों को जमीन के नीचे 10 फिट गाड़ने की डींगे चाहे जितनी हांक लें।लेकिन यह भी उतना ही कड़वा सच है कि प्रदेश की ग्राम पंचायतों में आकंठ भ्रष्टाचार है।और यह सब मुख्यमंत्री के उन्ही चहेते अधिकारियों की सरपरस्ती में किया जा रहा है।जिनके दम पर मुख्यमंत्री बड़ी बड़ी डींगे मारते हैं।अन्यथा क्या कारण है कि आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी ग्राम पंचायतों के भ्रष्टाचारी कर्मचारियों की शिकायतें करने के बाद भी किए गए भ्रष्टाचारों की जांच उच्चाधिकारी नही करते।क्या इसका अर्थ यह न लगाया जाए कि भ्रष्टाचार की गंगोत्री में सबके सब डुबकी लगा रहे हैं।
पूरा मामला सतना जिले की मझगंवा जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायतों में से एक पिंडरा का है।जहां ग्राम पंचायत के सचिव और रोजगार सहायक द्वारा इतना भ्रष्टाचार किया गया।और किए गए भ्रष्टाचारों की जांच की मांग करने पर उच्चाधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।मजबूरन गांव के ग्रामीण युवा को मजबूरी में आमरण अनशन पर बैठना पड़ा।ग्राम पंचायत के युवा जय नारायण कुशवाहा द्वारा ग्राम पंचायत के सचिव और रोजगार सहायक द्वारा किए गए भ्रष्टाचारों की जांच की मांग करते हुए मुख्यमंत्री सहित कलेक्टर सतना को ज्ञापन सौंपा गया था।लेकिन प्रशासन द्वारा जांचों की मांग से संबंधित ज्ञापन पर कोई कारवाई नही की गई।मजबूरन जय नारायण को आमरण अनशन पर बैठना पड़ा।पूछने पर जय नारायण कुशवाहा के द्वारा बताया गया कि पूर्व सचिव और रोजगार सहायक द्वारा ग्राम पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार जैसे की पिंडरा बस स्टैंड में सुलभ कांप्लेक्स निर्माण का पैसा निकाल लिया गया है।लेकिन पूरी ग्राम पंचायत में कहीं भी सुलभ कांप्लेक्स का निर्माण नहीं कराया गया।इसी तरह ले तमाम मामले हैं।भ्रष्टाचार से संबंधित कुल 10 बिंदुओं की जांच की मांग की गई थी।लेकिन मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।इसलिए मजबूरन आमरण अनशन पर बैठना पड़ा। वहीं जय नारायण के सहयोगी अरविंद द्विवेदी के अनुसार जब तक भ्रष्टाचारों की जांच की मांग पूरी नहीं होती है,आमरण अनशन चलता रहेगा।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०