सुप्रसिद्ध मानस वक्ता व प्राध्यापक डॉ स्वर्णलता शर्मा का ग्रामोदय में सम्मान
1 min readचित्रकूट- महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्व विद्यालय में पदस्थ एसोसिएट प्रोफेसर डॉ स्वर्णलता शर्मा की अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने पर कला संकाय में विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।इस अवसर पर डॉ स्वर्णलता शर्मा ने कहा कि इस विश्व विद्यालय से सेवानिवृत्ति के बाद मैं कहीं भी रहूं, किंतु मन, क्रम,वचन से ग्रामोदय विश्व विद्यालय के लिये सदैव समर्पित रहूंगी।डॉ शर्मा ने ग्रामोदय परिवार को आश्वस्त किया कि सदैव मेरा यही प्रयास रहेगा, मेरे कार्यो से ग्रामोदय विश्वविद्यालय का यश व मान सम्मान बढ़े।
कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने डॉ स्वर्णलता शर्मा की विश्व विद्यालय में हुई नियुक्ति के दिनों से जुड़े श्री रामकथा व मानस प्रवचन के एक संस्मरण को साझा करते हुए कहा मानस और जीवनादर्श के छेत्र में डॉ शर्मा ने इस विश्वविद्यालय को पहचान दिलाई।इसके पूर्व कुलपति प्रो भरत मिश्रा और कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो नंदलाल मिश्रा ने डॉ स्वर्णलता शर्मा को शाल, श्रीफल और स्मृतिचिह्न भेंट किया।इस अवसर पर डॉ शर्मा के व्यक्तित्व व कृतित्व पर कुलसचिव ,अन्य संकायों के अधिष्ठाता, प्राध्यापकों , अधिकारियों व विद्यार्थियों ने प्रकाश डाला और डॉ शर्मा की भूरि भूरि सराहना की।
कुलसचिव डॉ आर सी त्रिपाठी ने डॉ शर्मा की आकर्षक मानस प्रस्तुति की प्रशंसा सदैव होती रही है, जो ग्रामोदय विवि के लिए सौभाग्य की बात है। कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो नंदलाल मिश्रा ने कहा कि डॉ शर्मा का तीन दशक का लंबा सफल कार्यकाल रहा।इनकी सौम्यता व व्यक्तित्व से सभी लोग प्रभावित है। कृषि संकाय के अधिष्ठाता प्रो देव प्रभाकर राय ने डॉ शर्मा के सादगी पूर्ण जीवन व व्यवहार को सराहा। संस्कृत भाषा के प्राध्यापक व उपकुलसचिव , दूरवर्ती डॉ कमलेश कुमार थापक ने कहा कि डॉ शर्मा संस्कृत भाषा की उदभट विदुषी है।आगे भी ये अपने को संस्कृत की सेवा में लगाये रखेगी।मानविकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ नीलम चौरे ने अपने शोध अध्ययन और संस्थापक कुलाधिपति भारत रत्न राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख से हुई मुलाकात में नाना जी द्वारा डॉ शर्मा के वैशिष्ट्य परिचय संस्मरण को सुनाया। डॉ विनोद शंकर सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि डॉ शर्मा का सहयोग सेवानिवृत्ति के बाद भी ग्रामोदय विश्वविद्यालय को मिलता रहेगा। इस दौरान अभियांत्रिकी संकाय का प्रतिनिधित्व कर रहे खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष इंजी अश्विनी दुग्गल, हिंदी विभागाध्यक्ष व उपकुलसचिव डॉ कुसुम सिंह आदि ने डॉ शर्मा के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। जनसंपर्क अधिकारी जय प्रकाश शुक्ल ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय में अपने अध्ययन काल के संस्मरण साझा किया। जनसंचार माध्यमों के विशेषज्ञ व निदेशक दूरवर्ती प्रो वीरेंद्र कुमार व्यास ने सम्मान समारोह का सफल संचालन किया।प्रो व्यास ने डॉ शर्मा की जीवन शैली को संस्कृत, संस्कृति और श्री रामकथा को समर्पित बताया। इस आयोजन में डॉ स्वर्णलता शर्मा के पारिवारिक जनों सहित प्रो वाई के सिंह, प्रो रघुबंश प्रसाद बाजपेयी, डॉ आशा शर्मा, डॉ अजय आर चौरे, डॉ ललित कुमार सिंह, डॉ राजेश त्रिपाठी, डॉ विवेक फड़नीस, डॉ यमुना प्रसाद झा, डॉ विनोद कुमार सिंह, डॉ राकेश कुमार, डॉ श्याम सिंह गौर ,डॉ अखिलेश कुमार शिवहरे आदि उपस्थित रहे।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०