चित्रकूट प्रधानाध्यापिका की मनमानी से नौनिहाल बच्चों का भविष्य चौपट
1 min readचित्रकूट – ध्वस्त शौचालय टूटे गेट खिड़की व गंदगी के बीच पढ़ रहे बच्चे । चित्रकूट केंद्र व प्रदेश सरकार प्राथमिक विद्यालय के सुधार के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लेकिन प्राथमिक विद्यालय कटरा गुदार स्कूल की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है। अभी भी बच्चे और बच्चियां खुले में शौच को मजबूर है। बरसात में पढ़ते समय छत से पानी टपकने पर बच्चों को कापी किताबें बचाने की चुनौती होती है। अभी भी बच्चे टाट पट्टी में बैठ रहे हैं। मानक के अनुरूप में भोजन नही मिल रहा है। बच्चों ने बताया कि मानक के अनुसार खाना नहीं मिलता है। खाने में दूध व फल हमको अभी तक कभी नही दिया गया है। केवल खिचड़ी ही बनवाई जाती है, खिचड़ी में भी चावल और दाल के अलावा कुछ भी नहीं डाला जाता है।
दोपहर में बच्चे घर जाते हैं खाना खाने
ग्रामीण छूकन व महेश ,रामसेवक केवट , लोटन , नन्ही, ने बताया कि विद्यालय में हमारे बच्चे पढ़ते हैं हमारे बच्चों को खाने के लिए अच्छे से खाना नहीं दिया जाता। जिस कारण से बच्चे दोपहर में घर आकर खाना खाते हैं। विद्यालय में खिचड़ी के अलावा भोजन में कभी कुछ नही बनवाया
जाता और मीनू के अनुसार मध्यान भोजन नहीं बनवाया जाता है। ग्रामीणों ने कहा अगर प्रधानाध्यापिका द्रोपती अग्रवाल से कहते हैं। तो वह हम लोगों से अभद्र भाषा से बोलती है। कहती हैं इसी तरह करूंगी तुमको जो करना हो करो। विद्यालय की मालिक मैं हूं।
जांच कर की जाएगी कार्रवाई
वही विद्यालय की पुताई कई सालों से नहीं की गई है। न ही बच्चों को खेलकूद की सामग्री दी जाती है। इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी एनपी सिंह ने कहा कि शौचालय और खिड़की दरवाजे जो टूटे हैं उसकी मरम्मत ग्राम पंचायत जल्द करा देगा। पुताई के संबंध में जानकारी हुई थी तो बरसात बाद विद्यालय की विधिवत पुताई की जाएगी। अगर मीनू के आधार पर खाना नहीं मिलता तो उसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
सुभाष पटेल ब्यूरोचीफ भारत विमर्श चित्रकूट उ०प्र०