-राधा ने पकड़ी छड़ी देश के कोने-कोने से पहुंचे लोग
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पन्ना- आपने भगवान के हर स्वरूप के तो दर्शन किए होंगे परंतु बुंदेलखंड के आराध्य देव कहे जाने वाले भगवान जुगल किशोर ने आज ऐसी मनमोहक स्वरूप रखा है जिसको देखने के लिए देश के कोने-कोने से लोग भगवान जुगल किशोर मंदिर पहुंच रहे हैं चैत्र मास की तीज के दिन भगवान जुगल किशोर ने सखी का रूप यानी औरत का स्वरूप रखा है और राधा जी आज कृष्ण बनकर उनको छड़ी लिए होली खेलने के लिए मना कर रहे हैं यह मनोहारी दर्शन साल में एक बार सुबह 5:00 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक ही मिलते हैं जिसने भी स्वरूप के दर्शन किए उसने बस यही कहा कि एक बार तो राधा बनकर मेरे सांवरिया कैसा रखा है भगवान का स्वरूप आखिर भगवान क्यों बन गए हैं औरत और राधा क्यों बन गई है कृष्ण।
जुगुल किशोर जी का मन्दिर जन आस्था का केन्द्र है। इस भव्य और अनूठे मन्दिर में रंगों का पर्व होली वृन्दावन की तर्ज पर मनाया जाता है। कोरोना संक्रमण का खतरा कम होने तथा सोशल डिस्टेंसिंग जैसी बंदिशों में ढील मिलने से इस वर्ष तृतीया के दिन भगवान के सखी भेष के दर्शन करने श्रद्धालु उमड़ पड़े। श्री जुगुल किशोर जी मन्दिर की रंगत आज देखते ही बनती है। भगवान के सखी भेष को निहारने और उनके सानिद्ध में गुलाल की होली खेलने के लिये उमड़ पड़ा। ढोलक की थाप और मजीरों की सुमधुर ध्वनि के बीच महिला श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य की भक्ति और प्रेम में लीन होकर जब होली गीत और फाग गाया तो सभी के पाँव स्वमेव थिरकने लगे।
इस भेष के दर्शन के अलग अलग महत्व है कई लोग इसके पीछे पुरानी परंपरा बताते हैं तो कई इसे वृंदावन की तर्ज पर खेली जाने वाली होली का स्वरूप भी बताते हैं इसके पीछे कई केवनसिया भी हैं जो आज भी इस मंदिर में जीवित हैं जो 300 वर्ष से अधिक से चली आ रही हैं।
संदीप विश्वकर्मा ब्यूरोचीफ भारत विमर्श पन्ना म०प्र०