आजादी के इतने सालों बाद भी प्यासे ग्राम टगरा के निवासी
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पन्ना- एक ओर जहां सरकार द्वारा गांव को डिजिटल करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है,लेकिन क्या हो जब आजादी के 70 साल बाद लोग बूंद-बूंद पानी को मोहताज हो,,, जी हां ये जो मामला हम आपको बताने जा रहे है यह किसी दूरस्थ ग्राम का नही बल्कि जिला मुख्यालय से लगे कुछ ही दूरी पर बसे गांव की है। जिला प्रशासन की लापरवाही इतनी बड़ी है कि आम जन को पानी जैसी मूलभूत सुविधा भी नही दे पा रहा है। जहां बच्चे महिलाएं अपनी जान जोखिम में डाल कर बून्द-बून्द पानी के लिए संघर्ष कर रहे है।
पन्ना जिले के शहरी क्षेत्र से जुड़ा ये है ग्राम पंचायत रानीपुर टागरा जो अब नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आ गया है। ग्राम टगरा जहाँ के लोग आज भी पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए इतने तरस रहे है कि गड्ढो में भरा गन्दा पानी पीने को मजबूर है जबकि इस ग्राम में नल जल योजना की पाइप लाइन भी बिछ गई है और लोगो ने नल कनेक्शन भी ले लिया है। लेकिन इतना खर्च होने के बाद भी यहां एक बूंद पानी नही पहुँचा ग्राम टगरा में तीन हैंड पम्प भी लगे है जिनमे से दो पूरी तरह से खराब है और एक से इतना गन्दा पानी आता है कि पीने वाला सीधे बीमार हो जाये। आलम ये है कि यहां के रहवासी गन्दे तालाब और गड्ढे का पानी पीने को मजबूर है। लोगो की माने तो यहां एक गुम्मा पानी भरना किसी जंग से कम नही है। कई बार यहां पानी को लेकर विवाद तक हुए है। ऐसा नही है कि यहां के लोगो ने अपनी समस्या जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से नही सुनाई लेकिन इनकी समस्या का आज भी कोई समाधान नही हुआ। वही जिम्मेदार अधिकारी पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे है।
संदीप विश्वकर्मा ब्यूरोचीफ भारत विमर्श पन्ना म०प्र०


