चित्रकूट विधायक ने की शिकायत प्रशासन कर रही गुमराह
1 min readचित्रकूट- विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने की शिकायत, प्रशासन ने विधानसभा को किया गुमराह। जांच शुरू। प्रमुख सचिव राजस्व को दिया गया जांच का जिम्मा। मामला चित्रकूट में एक महंत के निधन के बाद उनके नाम को जमीन के हकदार से जुड़ा है। विधायक ने सप्रमाण बताया है कि विस के जवाब में जैसा कहा गया है कि आपत्ति नही लगाई थी तो वह झूठ है। इस मामले में आपत्ति लगाई गई थी। बताया तहसीलदार के फैसले को पहले बदला। इस पर आपत्ति के आधार पर एडीएम ने 8 जनवरी 2020 को 1 माह का स्टे दिया। लेकिन गलत तरीके से बिना सुनवाई के 14 जनवरी को स्टे समाप्त कर दिया। 21 जनवरी को मुआवजा राशि देने का आदेश दे दिया। इधर स्थगन आदेश की अवधि में ही जमीन का नामांतरण होते ही मुआवजा ले लिया जाता है। मुआवजा मिलते ही तत्काल आहरित कर लिया जाता व शेष बची जमीन भी बेच दी जाती है।
विधायक ने बताया कि इसमे 40 लाख रुपये से ज्यादा का मुआवजा की रकम थी। महंत दयारामदास की मृत्यु के बाद विशालदास वसीयत और जीवनदास मजहरनामा के आधार पर खुद को चेला बताते हुए अपना हक जताया था। तहसीलदार ने जीवनदास को वैधानिक वारिस माना। एसडीएम ने इसे बदल के विशालदास को वारिस करार दिया। इस पर स्टे लगा फिर हटा और मुआवजा दे दिया। उधर जीवनदास की अपील पर अपर कमिश्नर ने एसडीएम के फैसले को दोष पूर्ण बताया। लेकिन इधर इतनी जल्दी नामांतरण, मुआवजा वितरण, और शेष जमीन बेची गई कि जीवनदास अपने हक का फैसला लिए खाली घूम रहे।
अब पीएस इस मामले की जांच करेंगे। मामला संदर्भ समिति में है।
सुभाष चन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०