July 11, 2025
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सतना- महिलाओं ने आंवला वृक्ष की पूजा कर अपने पति एवं पुत्र की दीर्घायु की कामना की। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि जो अक्षय नवमी नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन महिलाएं अपने पति एवं पुत्र की दीर्घायु होने की कामना के साथ अक्षय पुण्य प्राप्ति की निमित आंवला की वृक्ष की पूजा परिक्रमा कर दान करती हैं। इस दिन आंवला वृक्ष की पूजा परिक्रमा तथा उसकी छाया में भोजन करने से अक्षय पुण्यदायक फल मिलता है। मान्यता है कि आंवला नवमी स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इस दिन दान, जप व तप सभी अक्षय होकर मिलते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। पूरे दिन व्रत रखा जाता है। पूजा के बाद इस पेड़ की छाया में बैठकर भोजन ग्रहण किया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से हर तरह के पाप और बीमारियां दूर होती हैं। शनिवार को पूरे दिन पूजा-अर्चना का दौर चलता रहा।

आहेश लारिया ब्यूरोचीफ भारत विमर्श सतना म०प्र०

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