कथा वाचक लवलेश दीक्षित और सन्तो ने बताया दीपदान का महत्व
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चित्रकूट – में लग रहे दीपावली मेले में रामघाट में लोग करते हैं दीपदान उसका महत्व बताते हुए नवलेश दीक्षित ने कहा कि भगवान श्री राम सभी देव एवं देव पत्नियों के साथ लंका विजय के बाद राम घाट स्थित मंदाकिनी के तीर में दीपदान किया था वहां पर कहा था कि ब्रह्म हत्या करने वाला अगर राम घाट पर आकर दीपदान करता है तो वह ब्रह्म हत्या के पापों से मुक्त हो जाएगा और उसकी सभी कामनाएं पूर्ण होगी श्री राम 14 वर्ष के वनवास में 11 वर्ष 11 महीना 11 दिन चित्रकूट में रहे इसके बाद लंका जाकर रावण जैसे राक्षस का संघार किया और उसी के खुशी में यहां के साधु संत उनके आने से पहले दीप प्रज्वलित कर स्वागत किया तभी से दीपदान का चित्रकूट में सबसे बड़ा महत्व माना जाता है यहां 5 दिन तक अलग-अलग विधाओं में मेला किया जाता है।
सुभाष चन्द्र ब्यूरोचीफ भारत विमर्श चित्रकूट उ०प्र०

