केंद्र और राज्य सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस, पूछा बक्सवाहा में पेड़ कटाई की अनुमति कैसे मिली?
1 min readजबलपुर- इतना ही नहीं हीरे के लिए रिपोर्ट तक बदली जा रही है। पहले के सर्वे में इस जंगल में जो जंगली जानवर पाए जाते थे वह अब गायब बताए जा रहे हैं इसे लेकर छतरपुर- पन्ना सहित आसपास के इलाकों में आंदोलन भी शुरू हो गए हैंमध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हीरा खदान के लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति देने पर केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया है। इस पूरे मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार सहित आदित्य बिड़ला ग्रुप की एसेल माइनिंग कंपनी से पूछा है कि आखिर बक्सवाहा में हीरा खनन के लिए पेड़ों की कटाई के अनुमति कैसे मिल गई?मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब मांगा है, अधिवक्ता सुधीर कुमार ने कोर्ट को बताया कि छतरपुर के बक्सवाहा जंगल के बीच दबे 50000 करोड़ के हीरे हांसिल करने के लिए ढाई लाख से अधिक हरे-भरे पेड़ों को काटने की तैयारी की जा रही है और इसके लिए बकायदा केंद्र व राज्य सरकार ने अनुमति तक दे डाली है। इतना ही नहीं हीरे के लिए रिपोर्ट तक बदली जा रही है। पहले के सर्वे में इस जंगल में जो जंगली जानवर पाए जाते थे वह अब गायब बताए जा रहे हैं इसे लेकर छतरपुर- पन्ना सहित आसपास के इलाकों में आंदोलन भी शुरू हो गए हैं, साथ ही वन अधिकार कार्यकर्ता क्षेत्र में रहने वाले वन्य प्राणियों के हित को लेकर पेड़ काटे जाने का लगातार विरोध भी कर रहे हैं। बहरहाल इस पूरे मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब मांगा है।
भारत विमर्श भोपाल