श्रद्धांजलि : क़ुरआन की तिलावत से शुरू हुआ न्यूज़ीलैंड संसद का सत्र
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न्यूज़ीलैंड : न्यूज़ीलैंड के क्राइस्टचर्च में दो मस्जिदों पर हुए आतंकी हमले और उसमे शहीद होने वाले 50 नमाज़ियों को न्यूज़ीलैंड की संसद ने कुछ अलग ही अंदाज़ में श्रद्धांजलि दी गई. न्यूज़ीलैंड की संसद ने अपने सत्र की शुरुआत पवित्र क़ुरआन की तिलावत से की वहीं इस देश की प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का आरंभ अस्सलामो अलैकुम से किया.
न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने संसद सत्र के आरंभ में क़ुरआन की तिलावत के बाद देश की संसद को संबोधित करते हुए सबसे पहले सलाम किया और कहा कि क्राइस्टचर्च की मस्जिदों पर हमला करने वाले आतंकियों के ख़िलाफ़ क़ानून के तहत बहुत ही जल्द और बहुत ही सख़्त कार्यवाही होगी. उन्होंने कहा कि मस्जिद पर हमला करने वाले आतंकी, अपराधी और चरमपंथी हैं. न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इस प्रयास में हैं कि इस आतंकी हमले की तह तक जाएं और ऐसी विचारधारा को अपने देश से जड़ से समाप्त करें. उन्होंने कहा आतंकियों के ख़िलाफ़ होने वाली कार्यवाही तक देश हाई अलर्ट पर है.
वही न्यूज़ीलैंड के शहर क्राइस्टचर्च की मस्जिदों पर हमला करने वाले आतंकी ब्रेंटन टैरेंट के परिवार वालों ने न्यूज़ीलैंड वासियों से माफ़ी मांगी है. टैरेंट के परिवार वालों ने एक बयान जारी करके कहा है कि, टैरेंट द्वारा अंजाम दिए घिनौने कार्य से हम सब बहुत दुखी हैं. आतंकी टैरेंट के चाचा ने कहा कि क्राइस्टचर्च में जो घटना हुई है उसको देखना और सुनना दोनों हमारे लिए कोई भयानक सपने से कम नहीं है. उन्होंने मस्जिद में शहीद होने वाले नमाज़ियों के परिजनों से कहा है कि हम आप सब से कुछ कहने योग नहीं हैं. हमारा पूरा परिवार इस दुखद घटना के लिए आप सबसे माफ़ी मांगता है और आप सबके दुख में बराबर का भागीदार है.
आपको बताते चले कि न्यूज़ीलैंड की मस्जिदों पर आतंकवादी हमला करने वाला आतंकी ब्रेंटन टैरेंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प का समर्थक है और उसने आतंकी हमले से पहले ट्रम्प की जमकर तारीफ़ की है.