01 July से आईपीसी की धाराओं की जगह, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) हो गया लागू
1 min readनई दिल्ली – तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम सोमवार से पूरे देश में लागू हो गए हैं. इन कानूनों ने भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है. नए कानून लागू होने से ना सिर्फ धाराएं बदल गई हैं, बल्कि कई प्रावधानों की परिभाषा भी बदल गई है।
देश में अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कानून अब गुजरे वक्त की बात हो गई है. आज से तीनों नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं. भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने आईपीसी (1860), सीआरपीसी (1973) और एविडेंस एक्ट (1872) की जगह ली है. आज से नए कानून के तहत ही केस दर्ज होने लगे हैं. धाराएं भी बदल गई हैं।
1 – 302 (हत्या) की जगह हो गया-103
2 – 307 (हत्या का प्रयास)-109
3 – 323 (मारपीट)- 115
4 – 354(छेड़छाड़) की जगह-74
5- 354ए (शारीरिक संपर्क और आगे बढ़ना)-76
6 – 354बी (शारीरिक संस्पर्श और अश्लीलता-75
7 – 354सी (ताक-झांक करना)-77
8 – 354डी (पीछा करना)-78
9 – 363 (नाबालिग का अण्डरण करस)-139
10 – 376 (रेप करना)-64
11 – 392 (लूट करना)-309
12 – 420 (धोखाधड़ी)-318
13 – 506 (जान से मारने की धमकी देना-351
14 – 304ए (उपेक्षा द्वारा मृत्यु कारित करना-106
15 – 304बी (दहेज हत्या)-80
16 – 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना-108
17 – 509(आत्महत्या का प्रयास करना-79
18 – 286(विस्फोटक पदार्थ के बारे में उपेक्षापूर्ण आचरण)-287
19 – 294( गाली देना या गलत इशारे करना)-296
20 – 509 लज्जा भंग करना)-79
21 – 324 जानबूझकर चोट
पहुंचाना)-118(1)
22 – 325 (गम्भीर चोट पहुंचाना)-118(2),
23 – 353 (लोकसेवक को डरा कर रोकना-121
24 – 336 दूसरे के जीवन को खतरा पहुंचाना-125
25 – 337 (मानव जीवन को खतरे वाली चोट पहुंचाना)-125(ए)
26 – 338 (मानव जीवन को खतरे वाली चोट-125(बी)
27 – 341 (किसी को जबरन रोकना-126
28 – 284 विषैला पदार्थ के संबंध में अपेक्षा पूर्ण आचरण-286
29 – 290 (अन्यथा अनुबंधित मामलों में लोक बाधा दंड)-292
30 – 447 अपराधिक अतिवार-329(3)
31 – 448 (गृह अतिचार के लिए दंड)-329(4)
32 – 382 (चोरी के लिए मृत्यु क्षति-304
33 – 493 दूसरा विवाह करना)-82
34 – 495ए (पति या उसके रिश्तेदार द्वारा क्रूरता)-85
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