बांध निर्माण में अधिग्रहित जमीन का मुआवजा नहीं मिलने से नाराज परिवार जेसीबी के जबड़े के नीचे बैठा
1 min readमझगवां – मझगवां विकासखंड के खोही गांव में रविवार की सुबह उस वक्त हड़कंप मच गया जब बांध निर्माण का विरोध करते हुए एक ही परिवार के लगभग दर्जन भर लोग जेसीबी के जबड़े के नीचे बैठ गए। ग्रामीणों में इस बात की नाराजगी है कि उन्हें अधिग्रहित जमीन का सही मुआवजा नहीं दिया गया। जल संसाधन विभाग के द्वारा बनवाए जा रहे बांध में राजस्व विभाग के द्वारा भूमि अधिग्रहण और मुआवजे का भुगतान किया गया है। यहां ग्रामीणों के साथ खेल यह हुआ कि जो आराजी डूब प्रभावित है, उसका अधिग्रहण करने के बाद मुआवजा दूसरी आराजी का बना दिया गया। पीड़ित किसान द्वारा कई बार सतना जिले के अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी जब सुनवाई नहीं हुई तो रविवार को पीड़ित किसान परिवार ने बांध निर्माण का विरोध करते हुए काम रुकवा दिया। और परिवार सहित जेसीबी मशीन के जबड़े के नीचे जाकर बैठ गया।
खोही गांव में बांध का निर्माण किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य कराया जा रहा है।लेकिन यहां पर बांध का निर्माण किसानों के साथ छल करते हुए किया जा रहा है। किसान मनभावन पिता चुन्ना द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि उसकी आरजी 467/2 का मुआबजा दिया जा रहा है। जबकि डूब में आराजी नम्बर 468/2/1 है। किसान का कहना है कि उसे वास्तविक जमीन का मुआवजा दिया जाना चाहिए मगर विभाग के अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है। मनभावन और उसके परिवार द्वारा बीते 7 मई को कलेक्टर को आवेदन देकर वास्तविक मुआवजा देने की मांग की गई थी। वहीं जल संसाधन विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा इस बात को नजरअंदाज कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। जिसके बाद परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर काम रोक दिया। बवाल के बाद जल संसाधन विभाग के तमाम अधिकारी एवं राजस्व विभाग के लोग किसानों को समझने के लिए मौके पर पहुंचे हैं। किसान के मुआवजा को लेकर उठे विवाद के संबंध में जब मझगवां सब डिवीजन के इंजीनियर प्रदीप पांडे से बात की गई तो उन्होंने कहा, कि हो सकता है की त्रुटि बस ऐसा हुआ हो। किसान के मुआवजा का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि जिस जमीन के मुआवजे का भुगतान किया गया है वह कैचमेंट क्षेत्र में है, छूटी हुई आराजी के संबंध में जांच कर वास्तविक भुगतान किया जाएगा।प्रदीप पांडे के अनुसार बांध करीब 24 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होगा जिसका कुल क्षेत्रफल 60 हेक्टेयर का है।जिससे क्षेत्र के हजारों किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश