May 1, 2024

Chitrakoot के तत्कालीन डीएम, सीडीओ समेत 9 पर गबन का मुकदमा

1 min read
Spread the love

चित्रकूट उप्र – चित्रकूट के तत्कालीन डीएम, सीडीओ, डीआरडीए के परियोजना निदेशक समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की खबर सामने आई है। ये एक्शन विजिलेंस की झांसी इकाई ने लिया है। ख़बरों के तहत इन सभी पर पंजीकरण निरस्त होने के बाद भी एनजीओ को सरकारी योजनाओं की निधि देने और आवंटित राशि से कोई काम न किए जाने को लेकर ये एक्शन लिया गया है। ऐसे में चित्रकूट के तत्कालीन डीएम, सीडीओ, डीआरडीए के परियोजना निदेशक समेत नौ लोगों के खिलाफ सरकारी धन के गबन का आरोप है।बता दें, विजिलेंस के तरफ से की गई जांच में पता चला कि 16 अक्तूबर 2001 को फैजाबाद के एनजीओ पर्यावरण एवं ग्राम्य विकास अभियंत्रण सेवा संस्थान का फैजाबाद मंडल के डिप्टी रजिस्ट्रार सोसाइटीज एवं चिट्स ने पंजीकरण निरस्त कर दिया था। इसके बावजूद, इस संस्था को 17 जनवरी 2003 से 20 मार्च 2004 के बीच चित्रकूट में सांसद निधि, संपूर्ण रोजगार योजना व आईआरडीपी अवस्थापना मद से विभिन्न कार्यों के लिए 18 लाख 97 हजार 400 रुपये की राशि जारी किया गया था। विजिलेंस ने जांच में पाया कि आवंटित धनराशि से अब तक कोई भी काम न कराते हुए पूरे सरकारी धन का गबन कर लिया गया।अब इस मामले में विजिलेंस की झांसी इकाई में तैनात निरीक्षक अतुल कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें चित्रकूट के तत्कालीन डीएम ओम सिंह देशवाल, तत्कालीन सीडीओ भूपेंद्र त्रिपाठी, डीआरडीए के तत्कालीन परियोजना निदेशक प्रेमचंद्र द्विवेदी व झांसी के सोनपाल समेत संस्था के अध्यक्ष देवनारायण तिवारी, डीआरडीए के तत्कालीन पटल सहायक प्रदीप कुमार माथुर, चित्रकूट के रामस्वरूप श्रीवास्तव व चित्रकूट कर्वी के मुन्नालाल तिवारी, आरईएस के अवर अभियंता बुद्धिराम चौधरी का नाम शामिल हैं।

भारत विमर्श चित्रकूट उत्तर प्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved Powered By Fox Tech Solution | Newsphere by AF themes.