डॉक्टरों ने की अनिश्चितकालीन हड़ताल
1 min readजबलपुर – शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध चिकित्सालय के चिकित्सकों ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर सांकेतिक हड़ताल की। हालांकि हड़ताल का पहले दिन व्यापक असर नहीं दिखा। बुधवार से डॉक्टर्स ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। डॉक्टर्स ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि अनिश्चिकालीन हड़ताल के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं के लिए सरकार जवाबदेह होगी।
मध्य प्रदेश शासकीय एवं स्वशासी चिकित्सक महासंघ के बैनर तले मंगलवार को चिकित्सकों को दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की। डॉक्टर्स ने अपनी लंबित मांगों के समर्थन में सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक समस्त चिकिसकीय, प्रशासकीय व शैक्षणिक कार्य बंद रख अस्पताल के नवीन ओपीडी भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान केवल इमरजेंसी सेवाएं चालू रखी गईं। उल्लेखनीय है कि अपनी मांगों के समर्थन में सोमवार को डॉक्टर्स ने काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया था और सोमवार को दो घंटे की सांकेतिक हड़ताल की चेतावनी दी थी।
इसलिए हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स
आंदोलनरत चिकित्सकों का कहना है कि दो माह पहले मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन प्रशासनिक अधिकारियों की जिद के कारण पूरे नहीं हो पाए हैं। विशेष रूप से उच्च अधिकारियों द्वारा दिनांक 31 मार्च 2023 को सर्वसम्मति से हस्ताक्षरित पत्र से पीछे हटने एवं वादा खिलाफी करने के विरुद्ध यह आंदोलन किया जा रहा है।
यह सेवाएं रहेंगी प्रभावित
बुधवार से डॉक्टर्स के पूर्णकालिक हड़ताल की बजह से रूटीन कार्य जैसे ओपीडी, इन डोर, वार्ड राउंड इत्यादि तथा सभी इमरजेंसी, एमएलसी, पोस्टमार्टम सेवाएं भी बाधित रहेगी। मध्यप्रदेश शासकीय स्वशासी चिकित्सक महासंघ के नेतृत्व में हो रही इस हड़ताल को अन्य चिकित्सा संगठनों ने भी समर्थन दिया हैं।
इन प्रमुख मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स
1 – प्रदेश के समस्त विभागों में कार्यरत चिकित्सकों को समयबद्ध पदोन्नति दी जाए।
2 – मुख्यमंत्री द्वारा गठित की गई हाई पावर कमेटी का हस्ताक्षरित सहमति पत्र लागू हो
3 – चिकित्सकों से न्यूनतम संसाधनों में कार्य करवाने की गलत नीति बंद हो
4 – चिकित्सकिय विभागो में प्रशासनिक अधिकारियों की दखलअंदाजी रोकी जाए
5 – सभी डॉक्टर्स के ग्रेड पे में नियमित रूप से वृद्धि की जाए।
पहले दिन आंशिक असर
डॉक्टर्स की हड़ताल का पहले दिन आंशिक असर रहा। चूंकि पहले दिन डॉक्टर्स की हड़ताल 11 बजे से थी। इससे पहले ओपीडी में आने वाले अधिकांश मरीज परामर्श ले चुके थे। लेकिन 11 बजे के बाद आने वाले मरीजों को बिना परामर्श के वापस लौटना पड़ा।
भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश