मन्दाकिनी जल संरक्षण जन जागरुकता यात्रा
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चित्रकूट – ऊर्जा एवं पर्यावरण विभाग, विज्ञान एवं पर्यावरण संकाय, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा आज मंदाकिनी संरक्षण जन जागरूकता यात्रा निकाली गई।इस यात्रा के संयोजन व संचालन में एमएससी पर्यावरण विज्ञान के छात्र और छात्राओं ने हिस्सा लिया । यात्रा प्रातः 9 बजे सती अनुसूया आश्रम से संत महात्माओं के साथ गोष्ठी के उपरांत पैदल प्रारंभ हुई। पैदल मार्ग में स्थित ,पंच प्रयाग आश्रम के महाराजश्री से यात्रा के उद्देश्य और संभावनाओं के संबंध में चर्चा हुई। महाराजश्री ने बताया कि मंदाकिनी नदी , झूरी नदी एवं तीन अन्य जल स्रोतों के मिलने के कारण इस समागम स्थल को पंच प्रयाग कहते है।पंच प्रयाग आश्रम के बाद पैदल यात्रा जोतहारी आश्रम पहुंची ,जहां जोतहारी आश्रम में महाराजश्री के साथ हुए विचार विमर्श मे मंदाकिनी नदी के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारियां विद्यार्थियों ने प्राप्त किया ।जोतहारी आश्रम में प्रसादी के उपरांत यह यात्रा टाटी घाट पहुंची। इस स्थान में
अनेक संत मंदाकिनी के किनारे अपने आश्रम बनाकर रहते हैं एवं भगवत आराधना करते हैं।इन संतो के साथ भी मंदाकिनी यात्रा के उद्देश्यों को लेकर विद्यार्थियों ने चर्चा की आशीर्वाद प्राप्त किया।तदुपरांत नदी के किनारे – किनारे मंदाकिनी नदी यात्रा के प्रतिभागी पैदल चलते हुए मोहकमगढ़ गांव पहुंचे। स्फटिक शिला, आरोग्यधाम, जानकीकुंड, प्रमोदवन,गोयनका घाट होते हुए यात्रा भरत घाट पहुँची।इस दौरान चित्रकूट के गणमान्य नागरिकों के साथ यात्रा के प्रतिभागियों की मंदाकिनी नदी के बारे में विस्तृत चर्चा हुई एवं यात्रा के संस्मरण सुनाए गए । यात्रा करने का क्या उद्देश्य था इससे समाज को क्या संदेश देना है आदि विषय पर विस्तृत प्रकाश डॉ घनश्याम गुप्ता द्वारा डाला गया ।डॉ गुप्ता द्वारा यह मांग की गई कि हम सभी लोग अपनी विशेष रुचि में टोकना शामिल करें अर्थात मंदाकिनी में यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार गन्दगी करते या डालते हुए पाया जाता है तो हम उसको टोंके व कहें कि ऐसा न करो क्योंकि मंदाकिनी चित्रकूट की जीवन रेखा है एवं इसके जल के संरक्षण व संवर्धन की जिम्मेदारी यहां के प्रत्येक व्यक्ति की है।अगर हम सभी लोग इसके प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे तो निश्चित ही हमारी मंदाकिनी का दिनो दिन विकास एवं संवर्धन संभव हो सकेगा। चूंकि सभी छात्र पर्यावरण विज्ञान के थे अत: यात्रा के स्थानों पर मंदाकिनी नदी का जल एकत्र किया ताकि उसकी गुणवत्ता जांच कर यह पता लगाया जा सके कि जल की गुणवत्ता किस स्थान पर कैसी है।सभी छात्रों को सिखाया गया कि किसी नदी का नदी का वेग व बहाव कैसे निकालते हैं ।नदी का वेग भी निकाला गया। उक्त यात्रा ऊर्जा एवं पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर घनश्याम गुप्ता एवं प्रोफेसर शशिकांत त्रिपाठी के निर्देशन में संपन्न हुई । संक्षिप्त में यात्रा सुखद एवं भूतो न भविष्यति वाली स्थिति की थी। यात्रा से सभी छात्रों ने काफी कुछ सीखा,बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया एवं भरपूर आनंद प्राप्त किया।
ग्रामोदय विवि में पीएचडी प्रवेश हेतु चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी
चित्रकूट महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी पाठ्यक्रम सत्र 2022 – 23 में प्रवेश हेतु द्वितीय चरण में सम्पन्न परीक्षाओ का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया है। अध्यक्ष प्रवेश समिति प्रो एच एस कुशवाहा ने बताया कि विषयवार चयनित अभ्यर्थियों की सूची एवं प्रवेश हेतु सूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट में देखी जा सकती है। चयनित अभ्यर्थियों को दिनांक 01 व 02 दिसम्बर 2022 को दस्तावेज सत्यापन एवं शुल्क जमा करने हेतु अनिवार्यतः संबंधित संकाय में उपस्थित होंना होगा। तदुपरान्त अभ्यर्थियों को शुल्क जमा की रसीद 03 दिसम्बर 2022 तक शोध निदेशालय के कार्यालय में जमा करनी होगी।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०