September 8, 2024

Chitrakoot में फिर लाचार और बेचारे नजर आए प्रशासनिक अधिकारी

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चित्रकूट – बहुप्रतीक्षित और जर्जर हो चुके मुख्य सड़क मार्ग के निर्माण के लिए जैसे ही नगर परिषद कर्मचारियों के द्वारा नाप जोख शुरु की गई।वैसे ही चित्रकूट के मठाधीश महंतों की बिलबिलाहट सामने आने लगी।जिसके चलते बीते दिनो जानकी कुण्ड स्थित एक आश्रम में बैठक करने के बाद शनिवार को रामायणी कुटी में पुनः महंतों द्वारा बैठक कर ऐनकेन रामायणी कुटी को बचाने की जद्दोजहद की गई।बैठक में प्रशासनिक और अधिकारियों पुलिस अधिकारियों को भी बुलाया गया।और बाकायदा चित्रकूट के विकास का खाका भी पेश किया गया।मुख्य सड़क मार्ग निर्माण किए जाने बावत सड़क के बीचोबीच से साढ़े दस – दस मीटर दोनो तरफ प्रस्तावित चौड़ी सड़क बनाए जाने के खिलाफ नौ मीटर एक तरफ और कुल अठारह मीटर चौड़ी सड़क निर्माण का प्रस्ताव पेश कर दिया गया।वही दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम मझगंवा और नायब तहसीलदार चित्रकूट महंतों के सामने लाचार और बेचारे बने बैठे रहे।गौर तलब है कि एसडीएम मझगंवा जितेंद्र वर्मा के चलते वैसे भी बहुत बेहतर की उम्मीद करना बेमानी होगा।कारण कि जो एसडीएम सरकारी सड़क पर खुलेआम बाबाओं को अतिक्रमण कराते हुए बाउंड्री बनवा सकता है,सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कराके बाबाओं की दुकानें बनवा सकता है।उस प्रशासनिक अधिकारी से समाज को बेहतर की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।रही बात चित्रकूट के मठाधीश महंतों की,तो इनके द्वारा शायद ही कभी चित्रकूट के लिए बेहतर सोचा गया हो।इनमे से अधिकतर के द्वारा जहां मठ मंदिरों को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना लिया गया है,तो वहीं चित्रकूट के नाम को माल।जिसको बेच बेच खा रहे हैं। साथ ही खुद और परिवार जनों के नाम पर प्रॉपर्टी खरीद खरीद कर मालामाल हो रहे हैं।

भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश

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