“हर घर तिरंगा” नियम कुछ और हो रहा कुछ और
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चित्रकूट ब्रेकिंग न्यूज- केंद्र सरकार का आदेश है कि हर घर तिरंगा लगाया जाए और हर घर को तिरंगे से लहराने का आदेश जारी किया गया है लेकिन चित्रकूट नगर परिषद में देखने में आया है की नगर परिषद के कर्मचारियों के द्वारा बिजली के खंभों में भारतीय ध्वज को लगाया जा रहा हैं और तो और जबकि तिरंगा को सीधा होना चाहिए जैसा की नियमो में उल्लेखित है लेकिन नगर परिषद खुद ही तिरंगे को टेढा लगाती नजर आ रही है। अब यह भी समझ में नहीं आ रहा कि केंद्र सरकार ने हर घर तिरंगा लगाने का आदेश जारी किया है या फिर बिजली के खंभों में, साथ ही बताया यह भी जा रहा है कि नगर परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश पर बिजली के खंभों में तिरंगा लगाया जा रहा है। जबकि तिरंगा फहराने के ये है नए संशोधित नियम –
- खुले में 24 घंटे तक तिरंगा फहरा सकते हैं। जहां भी तिरंगा फहराया जाएगा, उसे पूरे सम्मान के साथ फहराएं। तिरंगे को पानी में नहीं भिगोना है, न ही किसी भी प्रकार इसे क्षति पहुंचानी है। ध्यान दें कि तिरंगे में केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होनी चाहिए। तिरंगा आधा झुका, कटा और फटा नहीं होना चाहिए। इसे विधिवत ही फहराना होगा।
. पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अनुमति नहीं थी। लेकिन अब हाथ या मशीन से बना हुआ कपास/पॉलिएस्टर/ऊन/ रेशमी खादी से बना तिरंगा भी अपने घर पर फहराया जा सकता है। - सरकार ने तिरंगे को किसी भी वक्त फहराने की अनुमति दे दी। अब इसे दिन रात 24 घंटे फहराया जा सकता है। इससे पहले तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी।
झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। - इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए।
- अशोक चक्र का कोई माप तय नही हैं सिर्फ इसमें 24 तिल्लियां होनी आवश्यक हैं।
. तिरंगा कभी भी फटा या मैला-कुचैला नहीं फहराया जाना चाहिए। - तिरंगे को किसी भी प्रकार के यूनिफॉर्म में प्रयोग में नहीं लाया जा सकता।
- किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन को छूना नहीं चाहिए।
- किसी अन्य झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं रख या लगा सकते।
- झंडे के किसी भाग को जलाने, नुकसान पहुंचाने के अलावा मौखिक या शाब्दिक तौर पर इसका अपमान करने पर तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
- झंडे पर कुछ भी बनाना या लिखना गैरकानूनी है।
- झंडा अगर फट जाए या फिर मैला हो जाए तो उसे एकांत में मर्यादित तरीके से नष्ट करना चाहिए।
- तिरंगे को अपने पास पूरे सम्मान के साथ तह लगाकर रखना है। न फेंकना है न ही क्षति पहुंचानी है।
- तिरंगा समय के साथ हवा से या किसी अन्य कारण गंदा हो जाए या फट जाए तो ऐसी स्थिति में निस्तारण बहुत ही सावधानी से करना है-
निस्तारण के दो तरीके
1.गाइडलाइन के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज के निस्तारण के दो तरीके हैं। एक दफन करना और दूसरा जलाना। बेहद गंदे या किसी कारण फट गए राष्ट्रीय ध्वज को दफन करने के लिए लकड़ी का ही बॉक्स लेना होगा। इसमें तिरंगे को सम्मानपूर्वक तह लगाकर रखना होगा। फिर बहुत ही साफ स्थल पर जमीन में दफन करना होगा। इसके बाद उस स्थान पर दो मिनट तक मौन खड़े रहना होगा।
2.दूसरा तरीका जलाने की है। इसके लिए साफ स्थान पर लकड़ी रखकर उसमें आग लगानी होगी। अग्नि के मध्य में इसे सम्मानपूर्वक तह लगाकर डालना होगा। किनारे से नहीं। नियम इसलिए बनाए गए हैं क्योंकि राष्ट्रीय ध्वज हमारा गर्व है।
अब देखना यह है कि तिरंगे जगह जगह जो लगाए गए है उन्हे कल के उपरांत क्या प्रशासन द्वारा तिरंगे को ससम्मान उतारा जाएगा या नहीं।

जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०