May 17, 2024

सनातन धर्म के दस लक्षण विस्तार पूर्वक ।

1 min read
Spread the love

धर्म के दस लक्षण बताये गये हैं :-

धृति: क्षमा दमो स्तेयं शौचमिन्द्रिय निग्रह: ।

धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकं धर्म लक्षणम् ।।

इसका अर्थ देखें और इन दस लक्षणों को अपने जीवन में लागू करें ।

1-धृतिः = धैर्यवान होना
2-क्षमा = क्षमा करने वाला
3- दम = मन को नियंत्रण में रखने वाला
4- अस्तेय= चोरी न करने वाला चोरी भी कई प्रकार की जैसे कामचोरी , अथवा किसी की वस्तु को उससे पूछे बिना उपयोग करना भी एक चोरी ही है ।
5- शौच -शारीरिक शुद्धता को शौच कहते है , जैसे स्नान आदि ।
6- इन्द्रियनिग्रह =इंद्रियो को वश में रखना क्योंकि अगर इन्द्रिय वश में नही हो तो कोई भी व्यक्ति सनातन धर्म के लक्षणों पर नही चल सकता ।
7- धी: = अर्थात् बुद्धि ज्ञानार्जन हेतु ।
8- विद्या = विद्या भी कैसी प्राप्त करनी चाहिए जो ईश्वर में विलीन कर दे अर्थात् मोक्ष प्राप्ति में सहायक हो ।
9- सत्य = अर्थात् जो ग्रंथो में लिखा है उसे ही सत्य माने क्योंकि क्योंकि परमात्मा ही एक मात्र सत्य है , सत्यं परं धीमहि
इसलिए ग्रंथो में संशय करना असत्य अर्थात जो सनातनी हो बो कतई संशय न करें ।
10-अक्रोध= क्रोध न करने वाला ये भी तीसरे लक्षण दम अर्थात मन के अंतर्गत आता है मन को नियंत्रण में रखने वाले को कभी क्रोध नही आता ।

ये है सनातन धर्म के दस लक्षण और आप ये भी जान लो की सनातन का अर्थ क्या है ।
सदा से चला आने वाला धर्म जिसका आदि परमात्मा है और अंत कोई नही क्योंकि न परमात्मा का अंत है न इस सनातन धर्म का भगवत् गीता में भगवान् ने स्वयं कहा है की हर सनातन जीवात्मा में मेरा ही अंश है ।
राधे राधे
लेखक –
ज्योतिषाचार्य पं.अतुल त्रिपाठी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved Powered By Fox Tech Solution | Newsphere by AF themes.